मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर देश की ५९ हस्तियों के पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के मामले की स्याही अभी सूखी भी नहीं थी कि खबर है कि महाराष्ट्र की एक यूनिवर्सिटी के छह छात्रों को भी ऐसी ही चिट्ठी लिखने पर यूनिवर्सिटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
इस तरह पीएम को चिट्ठी लिखना अब जानी मानी हस्तियों ही नहीं, छात्रों को भी भारी पड़ रहा है। नया घटनाक्रम महाराष्ट्र की वर्धा यूनिवर्सिटी का है जहाँ मॉब लिंचिंग के खिलाफ धरना आयोजित करने वाले और पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने वाले छह छात्रों को यूनिवर्सिटी से बाहर कर दिया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय (एमजीएएचवी) से इस कारण निकाले गए छात्रों के नाम चंदन सरोज (एमफिल, सोशल वर्क), नीरज कुमार (पीएचडी और पीस स्टडीज), राजेश सारथी और रजनीश अंबेडकर (वुमंस स्टडीज), पंकज वेला (एमफिल) और वैभव पिंपलकर (डिप्लोमा, वुमंस स्टडीज डिपार्टमेंट) हैं।
यह भी रिपोर्ट्स में बताया गया है कि छात्रों को निकलने से सम्बंधित आदेश ९ अक्टूबर का है और इसपर कार्यकारी रजिस्ट्रार राजेश्वर सिंह के हस्ताक्षर हैं। आदेश पात्र में कहा गया है – ”धरना देने वाले छात्रों को २०१९ विधानसभा चुनाव आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन और न्यायिक प्रक्रिया में दखल देने की वजह से निकाला जा रहा है।”
निकाले गए छात्रों ने दावा किया है कि यूनिवर्सिटी ने जिन छात्रों को बहार किया है उनमें तीन दलित और तीन ओबीसी छात्र हैं। उन्होंने दावा किया कि ”अगड़ी जाति के कई छात्र भी उनके समर्थन में थे और उनके धरने में तो १०० के करीब स्टूडेंट्स थे।”
उनके मुताबिक यह धरना बुधवार को पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने के लिए ५९ हस्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के विरोध में किया गया था। उधर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएसए) ने अपनी फेसबुक पोस्ट में यूनिवर्सिटी से निकाले गए छात्र उसके सदस्य हैं।