नई दिल्ली। लगता है कि न दिल्ली वाले और न ही अग्रिशमन समेत तमाम विभाग आग की घटनाओं सीख ले रहे हैं। अगर सावधानी बरती गई होती और जरूरी सुरक्षा के उपकरण लगाए या तरीके अपनाए गए होते तो शायद हादसों को टाला जा सकता था या फिर जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता था। रविवार देर रात एक बार फिर आग ने दिल्ली में तीन मासूमों समेत नौ लोग अपनी जान गंवा बैठे। मृतकों में इमारत का मालिक राम चंद्र झा (65) भी शामिल है। राजधानी के किराड़ी इलाके में भूतल पर कपड़े का गोदाम था, जबकि ऊपर मंजिलों पर लोग रहते थे। कुछ लोगों ने बगल वाली इमारत में कूदकर जान बचाई।
अग्रि विभाग के अधिकारी ने बताया कि किराड़ी में आग देर रात 12:30 बजे लगी और मौके पर दमकल की आठ गाडिय़ां भेजी गईं। आग पर पूरी तरह से काबू पाने में करीब साढ़े तीन घंटे लगे। आग की लपटों से घिरे लोगों में से तीन बगल वाली इमारत में कूए गए, जिससे उनकी जान बच गई।
इमारत में अग्नि सुरक्षा से बचाव के लिए कोई उपकरण नहीं मिला। अग्रिशमन के एक अधिकारी ने बताया कि दूसरी मंजिल पर सिलेंडर फटने के कारण इमारत का एक हिस्सा ढह गया। फिलहाल आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। आशंका है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से सिलेंडर फटा और उसी के बाद इमारत में आग लग गई, जोरदार विस्फोट से एक दीवार भी ढह गई। और उसी से आग लगी जिसके बाद इमारत की एक दीवार ढह गई।
बता दें कि इसी माह उत्तरी दिल्ली के फिल्मिस्तान इलाके के अनाज मंडी में 8 दिसंबर को चार मंजिला इमारत में आग लगने से 44 कामगारों की मौत हो गई थी। इनमें से ज्यादातर वहीं उसी इमारत में रहकर काम करने वाले मजदूर थे। इमारत के पास कोई वैध लाइसेंस नहीं था।