अफगानिस्तान में रहने वाले 11 सिख रविवार को भारत आ गए। इनमें निदान सिंह सचदेवा भी शामिल हैं, जिन्हें एक महीने पहले तालिबानियों ने अपहृत कर लिया था। हालांकि, बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था। दिल्ली पहुंचने के बाद उन्होंने बताया कि उनपर इस्लाम स्वीकार करने का दबाव डाला जाता था।
निदान सिंह सहित यह 11 सिख अफगानिस्तान से विशेष विमान के जरिए काबुल से दिल्ली पहुंचे। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (आईजीआईए) पहुंचने पर इनका जबरदस्त स्वागत किया गया। भारत की धरती पर पहुंचते ही सभी की आंखें उल्लास से भर उठीं और नम भी हो गईं। निदान सिंह के साथ 16 वर्षीय एक नाबालिग युवती सुनमित कौर भी है, जिसका अपहरण कर उसे जबरन मुस्लिम बनाकर निकाह करवाया जा रहा था।
निदान सिंह के 17 जून को अपहरण के बाद उनकी पत्नी ने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था और उनकी रिहाई करवाने की गुहार लगाई थी। इसके बाद भारत सरकार ने उन्हें रिहा करवाने के लिए बड़ी भूमिका निभाई। तालिबानियों ने उनका अफगानिस्तान के पकटिया गुरुद्वारा से अपहरण कर लिया था। उनकी रिहाई करवाने में एक महीन लग गया था।
अफगानिस्तान से लौटे इन लोगों को लंबी अवधि के वीजा के तहत भारत में रहने की अनुमति होगी। इन सभी को छह महीने के लिए वीजा प्रदान किया गया है। इस बीच उन्हें नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वे संभवता सीएए के तहत नागरिकता पाने वाले पहले विदेशी नागरिक होंगे।
निदान सिंह के साथ एक 16 साल की नाबालिग युवती सुनमित कौर भी है। उसका अपहरण करके जबरन मुस्लिम बनाकर निकाह करवाया जा रहा था। ये सभी लंबी अवधि के वीजा के तहत भारत आए हैं। नागरिकता संशोधन कानून के तहत इन्हें नागरिकता दी जाएगी।
निदान सिंह सचदेवा ने दिल्ली पहुंचने के बाद खुलासा किया कि उन्हें हर रोज पीटा जाता था और पेड़ से बांधकर इस्लाम कबूल करने को कहा जाता था। उन्होंने कहा – ”मुझे नहीं पता कैसे हिन्दुस्तान का धन्यवाद करूँ, लेकिन हिंदुस्तान तो हिंदुस्तान ही है।