बालाकोट एयर स्ट्राइक के अगले दिन श्रीनगर में २७ फरवरी को अचानक नीचे गिरा एमआई-१७ वास्तव में भारतीय मिसाइल का ही शिकार हो गया था। उस दिन भारत-पाक के बीच जबरदस्त तनाव की स्थिति थी। ऐसे में जब राडार पर यह हेलीकॉप्टर दिखा तो कथित तौर पर इसे ”दुश्मन का जहाज” समझकर चूक से मिसाइल दागकर नीचे गिरा दिया गया था। इसे लेकर अब जांच उस समय एयर डिफेंस सिस्टम पर तैनात लाेगाें सहित अन्य अफसराें की भूमिका पर केंद्रित की गई है और यह जांच चल रही है।
अभी तक की जांच और साक्ष्यों के आधार पर यह बात सामने आ रही है कि वायुसेना का एमआई १७ हेलिकाॅप्टर अपनी ही सेना की मिसाइल के निशाने पर आने से हादसे का शिकार हुआ जिसमें ६ नागरिक की मौत हो गयी थी। इस मामले में श्रीनगर के एयर आफिसर कमांडिंग (एओसी) का तबादला कर दिया गया है। माना जाता है कि हादसे की जांच निष्पक्ष हो, इसके लिए एयरबेस के सबसे वरिष्ठ अफसर काे हटाया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक यह जांच भी की जा रही है कि क्या हेलिकाॅप्टर का आईएफएफ – राडार पर दिख रहा जहाज़ दाेस्त है या दुश्मन – इसकी पहचान कराने वाला सिस्टम बंद था। हेलिकॉप्टर मामले में भारतीय वायु सेना की जांच २० दिन में पूरी होगी। सबूतों की पूरी सारणी इसके तुरंत बाद पेश की जाएगी और हेलिकॉप्टर में ६ जवानों और जमीन पर एक नागरिक की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों पर वायु सेना अधिनियम १९५० के सैन्य कानून के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला चलाया जा सकता है।
अपनी ही मिसाइल का शिकार हुआ था एमआई-१७ !
जांच जारी, श्रीनगर एयरबेस के वरिष्ठ अफसर को तब्दील किया