तीन विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली हार ने एनडीए के सहयोगियों में बेचैनी पैदा कर दी है। नया मामला उत्तर प्रदेश की उसकी सहयोगी पार्टी ”अपना दल” का है जिसने सहयोगियों का सम्मान न करने का आरोप लगते हुए भाजपा को नसीहत दी है कि वह तीन राज्यों में शर्मनाक हार से सबक ले। एक और सहयोगी जफ़र सरेशवाला ने भी पीएम मोदी को निशाने पर लेकर ब्यान दिया है।
अपना दल (एस) के अध्यक्ष आशीष पटेल ने आरोप लगाया है कि ”यदि हमारा सम्मान नहीं रहेगा तो हम सहयोगी क्यों रहेंगे।” उधर इस पार्टी की नेता की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल बुधवार को प्रस्तावित अपने सारे कार्यक्रम रद कर दिल्ली रवाना हो गईं जिसके बाद कई कयास लगाए जा रहे हैं।
उधर एनडीए के एक और सहयोगी जफ़र सरेशवाला ने भी पीएम मोदी को निशाने पर लेकर ब्यान दिया है। उन्होंने कहा है कि देश में बेचैनी को भाजपा नहीं समझ पा रही।
गौरतलब है कि अपना दल (एस) एनडीए का प्रमुख गठबंधन सहयोगी है। पार्टी की संयोजक अनुप्रिया पटेल की ”उपेक्षा” को अब पार्टी ने बड़ा मुद्दा बना लिया है। अध्यक्ष आशीष ने आरोप लगाया है कि विभिन्न आयोगों में ३०० नियुक्तियां हुईं, लेकिन हमारी पार्टी को पूछा तक नहीं गया। हमारे कार्यकर्ताओं पर एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज होते हैं और कोई सुनवाई नहीं होती। अब तो सरकार के कार्यक्रमों में भी नहीं बुलाया जा रहा।”
इसका कारण यह माना जा रहा है कि मंगलवार को सिद्धार्थनगर में राजकीय मेडिकल कॉलेज के शिलान्यास पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल को आमंत्रित ही नहीं किया गया था। दिलचस्प यह है कि इस कार्यक्रम में बिहार के केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे बाकायदा आमंत्रित किये गए थे। जिससे अपना दल की भृकुटि तन गयी है। संभव है कि भाजपा अध्यक्ष जल्दी ही अनुप्रिया पटेल या अपना दल नेताओं से बैठक कर मसला सुलझा सकते हैं।