राम मंदिर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार को एक इंटरव्यू में अध्यादेश अभी नहीं वाले ब्यान पर विश्व हिन्दू परिषद् (वीएचपी) ने बुधवार को कहा कि ”हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहेंगे कि अध्यादेश को लेकर अपनी राय बदलें।”
आलोक ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा तो है कि राम मंदिर बनना चाहिए, पर प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों से कहेंगे कि कोर्ट का इंतज़ार न करें, संसद के द्वारा अध्यादेश लाकर राम मंदिर बनाएं। ”हमने राहुल गांधी और सोनिया गांधी से भी मिलने का समय मांगा है। हम प्रधानमंत्री मोदी से भी मिलने का समय मांगा है, हम उन्हें मनाएंगे।”
विश्व हिन्दू परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने मंगलवार को एनडीटीवी से एक इंटरव्यू में कहा – ”हमने राम मंदिर पर प्रधानमंत्री मोदी का वक्तव्य सुना। अब ६९ साल से लंबा इंतजार हो गया है। अक्टूबर में राम मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में आया था, लेकिन बेंच गठित नहीं हुई। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई की बात नहीं स्वीकार की। मामला अब चीफ जस्टिस की कोर्ट में आया है, लेकिन अभी पीठ का गठन नहीं हुआ है। हमें लगता है कि इस मामले पर सुनवाई अभी कोसों दूर है। यह हिंदू समाज की भावनाओं से खिलवाड़ है।”
वीएचपी ने कहा कि हिंदू समाज अनंत समय तक न्यायालय की प्रतीक्षा नहीं कर सकता और संसद राम मंदिर का मार्ग प्रसस्त करे। जनवरी के आखिर में प्रयागराज में धर्म संसद होगी, जहां आगे की रणनीति तय की जाएगी।
आलोक कुमार ने इंटरव्यू में कहा कि हिन्दू समाज अनंत समय तक न्यायालय की प्रतीक्षा नहीं कर सकता। ”हम चाहते हैं कि संसद राम मंदिर का मार्ग प्रसस्त करे। जनवरी के आखिर में प्रयागराज में धर्म संसद होगी, जहां आगे की रणनीति तय होगी।” उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि अध्यादेश को लेकर अपनी राय बदलें। ”हम ३५० से ज्यादा सांसदों से मिल चुके हैं।
वीएचपी अध्यक्ष ने कांग्रेस पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राम मंदिर के मामले को कोर्ट मे लटकाना चाहती है। कपिल सिब्बल चाहते थे कि २०१९ में चुनाव तक सुनवाई न करें।