सर्वोच्च अदालत में बुधवार को राफेल लड़ाकू विमान खरीद पर कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल ने राफेल पर पुनर्विचार याचिका और गलत बयानी संबधी आवेदन खारिज करने का अनुरोध करते हुए कहा कि ये चोरी किये गये दस्तावेजों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि राफेल पर ”द हिंदू” अखबार की आज की रिपोर्ट कोर्ट में सुनवाई को प्रभावित करने जैसी है जो अपने आप में अदालत की अवमानना है।
अदालत ने राफेल डील मामले में पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करते हुए कहा कि वह ऐसे किसी भी पूरक हलफनामों अथवा अन्य दस्तावेजों पर गौर नहीं करेगा जो उसके समक्ष दखिल नहीं किये गये हैं। प्रशांत भूषण ने कोर्ट में कहा कि जब प्राथमिकी दायर करने और जांच के लिए याचिका दाखिल की गईं तब राफेल पर महत्वपूर्ण तथ्यों को दबाया गया। अगर तथ्यों को दबाया नहीं गया होता तो सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदा मामले में प्राथमीकि और जांच संबंधी याचिका को खारिज नहीं किया होता।
आज की सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि अधिवक्ता प्रशांत भूषण जिन दस्तावेजों पर भरोसा कर रहे हैं, वे रक्षा मंत्रालय से चुराए गये हैं। राफेल सौदे से जुड़े दस्तावेजों की चोरी होने के मामले की जांच चल रही है। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि याचिकाकर्ता ने राफेल सौदे पर जिन दस्तावेजों पर भरोसा किया है वे गोपनीय हैं और आधिकारिक गोपनीयता कानून का उल्लंघन हैं।
चीफ जस्टिस ने रंजन गोगोई ने कहा कि प्रशांत भूषण को सुनने का यह अर्थ नहीं है कि कोर्ट राफेल सौदे के दस्तावेजों को रेकार्ड में ले रहा है। उन्होंने अटॉर्नी जनरल से भोजनावकाश के बाद यह बताने को कहा कि राफेल सौदे से जुड़े दस्तावेजों के चोरी होने पर क्या कार्रवाई की गयी ?