हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस सीएस कर्णन को चेन्नई में पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई मौजूदा और पूर्व जजों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था।
चेन्नई पुलिस की साइबर सेल ने 27 सितम्बर को मद्रास हाईकोर्ट के वकील की शिकायत पर पूर्व जज के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मामले में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वकील की शिकायत से पहले मद्रास हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकीलों द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को सीएस कर्णन के खिलाफ पत्र लिखा गया था। आरोप है कि एक वीडियो सामने आया, जिसमें जस्टिस कर्णन ने कथित तौर पर महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
पूर्व जज सीएस कर्णन ने वीडियो में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कुछ जजों पर अदालतों की महिला कर्मचारियों और महिला जजों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। देश के प्रधान न्यायाधीश को लिखे गए वकीलों के पत्र में पूर्व जज सीएस कर्णन के बयानों को ‘हिंसा की भयावह कार्रवाई और सभी महिलाओं की गरिमा का अपमान’ और ‘महिलाओं से गहरा द्वेष’ करार दिया था। साथ ही इस पर कार्रवाई की मांग की गई थी।
2017 में अवमानना में करार दिए गए थे दोषी
न्यायपालिका और न्यायिक प्रक्रिया की अवमानना के लिए सर्वोच्च अदालत की सात जजों की पीठ द्वारा दोषी पाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मई 2017 में कर्णन को छह माह जेल की सजा सुनाई थी। उन्हें उस वक्त सजा मिली थी, जब उनका सेवा काल छह महीने बचा था। उन्होंने न्यायपालिका में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार को लेकर आवाज़ उठाई थी। बाद में, जस्टिस कर्णन ने दावा किया था कि वह दलित समुदाय से हैं, इसलिए उनको निशाना बनाया गया।