एक महीने बाद संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हो गया है। और विपक्ष लगातार हिंडनबर्ग-अडानी रिपोर्ट को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग कर रहा है। जिसके चलते संसद में हंगामा हो रहा है।
अडानी ग्रुप मामले को लेकर विपक्षी दलों ने बुधवार को संसद से लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय तक मार्च निकालने तैयारी थी हालांकि जैसे ही विपक्षी दल हाथों में ‘अडानी-मोदी में यारी है पैसे की लूट जारी है।’ बैनर लिए विजय चौक तक पहुंचे उन्हे दिल्ली पुलिस द्वारा रोक दिया गया और आगे नहीं बढ़ने दिया गया।
मार्च के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, “हम अडानी के घोटाले में एक ज्ञापन सौंपने के लिए निदेशक ईडी से मिलने जा रहे है। लेकिन सरकार हमें विजय चौक के पास से कहीं नहीं जाने दे रही है, उन्होंने हमें रोक दिया है। लाखों रुपये का घोटाला हुआ है, एलआईसी, एसबीआई, व अन्य बैंक बर्बाद हुए है। ”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की संसद भवन स्थित कमरे में हुई बैठक में बुधवार को द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), समाजवादी पार्टी (सपा), जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी), शिवसेना (उद्धव ठाकरे), केरल कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, विदुथलाई चिरूथिगल काची, एनसी, मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल शामिल हुए थे। लेकिन एनसीपी और टीएमसी ने इस बैठक में भाग नहीं लिया था।
आपको बता दें, 24 जनवरी को अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट आई थी जिसमें दावा किया गया था कि अडानी समूह ने स्टॉक में हेराफेरी की गई है।
अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद उठे सवालों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने छह सदस्य की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। और इस समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एएम सप्रे करेंगे।