अग्निपथ योजना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 15 जुलाई को सुनवाई करेगा। इस मामले में सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस ए एस बोपन्ना की बेंच करेगी।
केंद्र सरकार द्वारा सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया है कि वायुसेना में नियुक्ति का इंतजार कर रहे लोगों को आशंका है कि उनका करियर 20 साल की जगह चार साल में ही सिमट कर रह जाएगा।
याचिका में आगे कहा गया है कि वर्ष 2017 में 70 हजार से अधिक छात्रों को ट्रेनिंग दी गई थी, साथ ही आश्वासन भी दिया गया था कि नियुक्ति पत्र जारी किया जाएगा किंतु अब इस योजना के आने के बाद से उन सभी छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है।
आपको बता दें, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कैविएट दाखिल कर कहा है कि कोर्ट इस मुद्दे पर कोई भी निर्णय लेने से पहले केंद्र का पक्ष भी अवश्य सुने।
ज्ञात रहें, अग्निपथ भर्ती योजना के लिए भारतीय वायुसेना (IAF) की ओर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। और वायुसेना के अनुसार पूर्व में भर्ती के लिए 6,31,528 आवेदन आए थे और इस बार 7,49,899 आवेदन आए है।