पांच दिन से नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सवालों का सामना कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को सेना में नई भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ को देश और सेना के साथ मोदी सरकार का नया धोखा बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस योजना को वापस लेना पड़ेगा।
नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी ने उनसे ईडी की पांच दिन चली पूछताछ के दौरान एकजुटता प्रकट करने के लिए कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया। इस मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेता, सांसद और विधायक उपस्थित थे।
राहुल गांधी ने कहा – ‘युवाओं के भविष्य की रक्षा करना हमारा फर्ज है। कृषि कानूनों के बारे में मैंने कहा था कि मोदी जी को तीनों कानून वापस लेने पड़ेंगे। कांग्रेस अब कह रही है कि मोदी जी को अग्निपथ योजना वापस लेनी पड़ेगी। हिंदुस्तान का हर युवा इस मुद्दे पर हमारे साथ खड़ा है। हर युवा जानता है कि सच्ची देशभक्ति सेना को मजबूत करने में होती है। सरकार ने देश और सेना के साथ नया धोखा किया है। इस योजना को हम रद्द करवाएंगे।’
अग्निपथ को लेकर राहुल ने कहा – ‘देशभक्ति और सेना में जाने का आखिरी रास्ता था, उसे भी इन लोगों ने बंद कर दिया। वन रैंक, वन पेंशन की बात करते थे, अब नो रैंक, नो पेंशन हो गया। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवा जब चार साल की सेवा के बाद सेना से बाहर निकलेंगे तो उन्हें रोजगार नहीं मिल पाएगा।’
राहुल ने कहा कि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को डराया और धमकाया नहीं जा सकता। गांधी ने कहा कि ईडी की उनसे पूछताछ एक छोटा मामला है क्योंकि आज बेरोजगारी और अग्निपथ योजना सबसे जरूरी मुद्दे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘मेरा मामला छोटा सा मामला है। सच कहूं तो यह जरूरी भी नहीं है। आज सबसे जरूरी बात रोजगार की है। लघु और मध्यम उद्योग देश की रीढ़ की हड्डी हैं। नरेंद्र मोदी जी ने इस रीढ़ की हड्डी को तोड़ दिया है। यह बात मैं महीनों से कह रहा हूं।’
उन्होंने कहा कि हमारे जो युवा सेना में भर्ती के लिए रोज सुबह दौड़ते हैं उनसे मैं कह रहा हूं कि प्रधानमंत्री ने देश की रीढ़ की हड्डी को तोड़ दिया और यह देश अब रोजगार नहीं दे पाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश को दो-तीन उद्योगपतियों के हवाले कर दिया है।
राहुल ने कहा कि आज चीन की सेना हिंदुस्तान की धरती पर बैठी है। एक हजार वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र चीन की सेना ने हमसे छीना है। ऐसे में सेना को मजबूत करना चाहिए, लेकिन सरकार सेना को कमजोर कर रही है। जब युद्ध होगा तब इसका नतीजा सामने आएगा। देश का नुकसान होगा। ये लोग अपने आप को राष्ट्रवादी कहते हैं।