कुछ रोज पहले कांग्रेस को भी महंगाई के मुद्दे पर घेरने वाली मायावती को लेकर कयासों के बीच रविवार को बसपा प्रमुख ने भाजपा पर करारा हमला किया और कहा कि भाजपा को हारने के लिए राष्ट्रीय गठबंधन ज़रूरी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सम्मानजनक सीटें मिलने पर ही वे गठबंधन का हिस्सा बनेंगी अन्यथा अकेले चुनाव में जा सकती हैं।
लख़नऊ में अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने जहाँ भाजपा पर अटल बिहारी वाजपेयी की मौत को राजनीति के लिए भुनाने की कोशिश का आरोप लगाया वहीं आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव नजदीक देख भाजपा देश के लोगों का ध्यान बंटाने के लिए नए-नए तरीके अपना रही है। मायावती ने कहा कि अगले चुनाव में भाजपा का सफाया होना तय है।
मायावती ने कहा कि भाजपा ओबीसी और एससी-एसटी वर्ग से भेदभाव कर रही है। ”केंद्र सरकार खाली पदों पर भर्तियां नहीं कर रही बस महापुरुषों का नाम लेकर युवाओं को बहलाने का प्रयास कर रही है। इसे लेकर जनता में भाजपा के प्रति भारी नाराजगी है”। मायावती ने कहा कि दो अप्रैल को एससी-एसटी एक्ट को लेकर हुए भारत बंद में प्रदर्शन कर रहे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के युवाओं को जेल में डाल दिया गया। इससे भाजपा का पिछड़ा और दलित विरोधी चेहरा ही सामने आया है। ”भाजपा के लोग दोहरे चालचरित्र वाले लोग हैं। इनकी कथनी व करनी में बहुत अंतर है। इसलिए इन पर भरोसा करना अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसी बात है”।
बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा के दलित शब्द के प्रयोग पर आपत्ति पर कहा कि हमारे संविधान में देश का नाम भारत है, लेकिन आरएसएस और भाजपा वाले इसे ”हिंदुस्तान” भी कहते हैं। ”जब उन्हें देश को हिंदुस्तान कहने से आपत्ति नहीं तो अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को दलित कहने से परहेज क्यों”? उन्होंने कहा कि आम भाषा में एससी-एसटी वर्ग के लिए दलित शब्द का ही इस्तेमाल किया जाता है।
उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव में भाजपा को हारने के लिए वे एक गठबंधन के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्र में भाजपा सरकारें कई रणनीतियों से अपनी असफलताओं को छिपाने की कोशिश कर रही हैं। ”भाजपा ने चुनाव वादों को पूरा नहीं किया है”। कहा अगले चुनाव में भाजपा का सफाया होना तय है। मायावती ने कहा कि बेरोजगार किसानों से किए गए वादों को नहीं निभाया गया और भाजपा अपने चुनावी वादों को भुला चुकी है।
मायावती ने कहा कि विदेशों से कालाधन लाने में भाजपा नाकाम रही है। नोटबंदी से देश में बेरोजगारी बढ़ी है और जीएसटी से व्यापारी वर्ग में बहुत नाराजगी है। भाजपा ने गलत नीतियों से 100 से ज्यादा लोगों की जान ले ली। ”पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों ने जनता की कमर तोड़ दी और इससे जनता के सामने भाजपा की पोल खुली है। रसोई गैस की कीमतें बढ़ी हैं और छोटे उद्योग बंद हो गए हैं ”।