अकाल तख्त ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। अकाल तख़्त ने कहा है कि आरएसएस जिस तरह काम कर रहा है उससे देश के बंटने का ख़तरा है।
यह मांग अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने की है। उन्होंने एक रोज पहले अमृतसर में कहा – ”हां, इसे (आरएसएस) प्रतिबंधित कर देना चाहिए। मुझे लगता है कि आरएसएस जिस तरह से काम कर रहा है उससे वह देश में भेदभाव की एक नई लकीर खींच देगा।” भाजपा पर आरएसएस के प्रभाव के सवाल पर जत्थेदार ने कहा – ”ऐसा है तो यह देश के लिए अच्छा नहीं है। यह देश को नुकसान पहुंचाएगा और उसे तबाह कर देगा।”
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही संघ संचालक मोहन भागवत ने देश में मॉब लिंचिंग की अलग-अलग घटनाओं को लेकर बयान दिया था और इसे पश्चिमी सोच बताया था। साथ ही कहा था कि ”देश को बदनाम करने के लिए भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।”
भागवत ने यह भी कहा था कि बीते कुछ सालों में भारत की सोच की दिशा में एक परिवर्तन आया है, जिसे न चाहने वाले व्यक्ति दुनिया में भी है और भारत में भी। निहित स्वार्थों के लिये ये शक्तियां भारत को ”दृढ़ और शक्ति संपन्न” नहीं होने देना चाहतीं। इस दौरान संघ प्रमुख ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद ३७० के अधिकतर प्रावधान हटाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह की सराहना करने पर जोर दिया था। बकौल उनके ”यह एक साहसिक कदम था।”