शिरोमणि अकाली दल (बादल) के बागी सांसद शेर सिंह घुबाया, जिन्होंने सोमवार को इस्तीफा दे दिया था, मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। इससे लोकसभा चुनाव से पहले अकाली दल को बड़ा झटका लगा है। नई दिल्ली में मंगलवार को घुबाया कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिले और कांग्रेस का हाथ थाम लिया।
सोमवार को घुबाया ने कहा है कि वह एक सप्ताह में अपने राजनीतिक भविष्य पर बड़ा फैसला लेंगे। मौजूदा कार्यकाल के दौरान संसद की आखिरी कार्यवाही में भाग लेने के बाद सांसद घुबाया ने खुलासा किया था कि कांग्रेस आलाकमान के साथ उनकी बैठक के बाद कोइ अंतिम फैसला होगा। वे फ़िरोज़पुर से टिकट चाहते रहे हैं।
सम्भावना है कि घुबाया को कांग्रेस लोकसभा चुनाव में टिकट दे सकती है। वे इंतजार कर रहे थे कि शिअद (ब) के अध्यक्ष सुखबीर बादल उन्हें कब पार्टी से बाहर निकलते हैं। उनका कहना था कि ”ऐसा लगता है कि सुखबीर में मुझे निष्कासित करने की हिम्मत नहीं है। इसलिए अब मुझे ही कोई बड़ा फैसला लेना पड़ेगा, क्योंकि लोकसभा चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा है।” इसके बाद उन्होंने सोमवार को ही अकाली दल से किनारा कर लिया था।
घुबाया सुखबीर के विरोधी रहे हैं और उनका कहना है कि अकाली दल को सुखबीर ने बर्बाद कर दिया है। ”मेरी समझ में नहीं आता कि सुखबीर किस तरह की सियासत कर रहे हैं। एक तरफ तो वह कह रहे हैं कि घुबाया जैसा खराब आदमी नहीं देखा, फिर भी पार्टी से नहीं निकाल रहे।” उन्होंने कहा था कि सुखबीर बादल के प्रधान रहते भविष्य में वे अकाली दल से कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि अब वे कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। यदि कांग्रेस ने घुबाया को फिरोजपुर से लोकसभा प्रत्याशी बनाया तो सुखबीर बादल के लिए बड़ा झटका हो सकता है। घुबाया २०१४ में फिरोजपुर से लगातार दूसरी बार सांसद बने थे। उनकी इलाके में गहरी पैठ मानी जाती है।