कहते हैं कि जब कोई मुसीबत आती है, तब कई मुसीबतों को साथ लाती है। ऐसा ही हो रहा है। 12 और 13 अप्रैल को आये भूकम्प के बाद लोगों में एक दशहत और डर का माहौल बनता जा रहा है। कि कहीं कोई विपदा और अनिष्ट या कोई अनहोनी न कर दे। दिल्ली में लोगों का कहना है कि मानव समाज पर अब दिन ब दिन संकट बढ़ रहा है। क्योंकि अभी कोरोना वायरस नामक महामारी से लोग जूझ ही रहे हैं। लॉकडाउन के कारण आना-जाना बंद है। ऐसी स्थिति में भी धर्म गुरुओं ने अपनी-अपनी दुकानें चलानी शुरू कर दी हैं। मौजूदा हालात में धामिक स्थल तो बंद हैं, पर उनके गुरुओं ने घर बैठे लोगों को इसे विपदा बताकर उनका उद्धार करने के अवसर निकाल ही लिये हैं। तहलका संवाददाता को कुछ लोगों ने बताया कि धार्मिक स्थल तो पूरी तरह से बंद हैं, पर आधुनिक युग में आज सभी धर्म गुरुओं के पास मोबाइल नम्बर हैं। ऐसे में वे अपने भक्तों को घर पर हवन और पूजा-पाठ करने की बात कर रहे हैं और दान-दक्षिणा भी मांग रहे हैं। सबसे मजे की बात तो यह है कि लोग धार्मिक गुरुओं के झांसे में आ भी रहे हैं। रविवार को जब भूकम्प आया तो लोगों ने अपने अपने गुरुओं से संपर्क साधा और वर्तमान में हो रहे अनिष्ट के बारे में पूछा, तो गुरुओं ने भक्तों को विपत्ति में जानकर उन्हें बचने के उपाय बताये। इस बात का ख़ुलासा तो तब हुआ, जब धर्म गुरुओं द्वारा बताये गये पूजा-पाठ की साम्रगी खरीदने वालों की दुकानों में भीड़ देखी गयी। इस बारे में पंडित दीन दयाल उपाध्याय का कहना है कि ये तो निश्चित है कि देश आज एक संकट में फंसा है और इससे बचने के लिए लोगों को अपने अपने ईश्वर को याद करना चाहिए, ताकि ये आने वाली विपदा को टाला जा सके।
बताते चले देश आज भी अंधविश्वास पर पूरा विश्वास कर कोरोना वायरस के दौर में जादू और टोना पर विश्वास कर रहा है। सोशल डिस्टेंस और लॉकडाउन के दौर में भी लोग अंध विश्वास के दौर में पूरा जादू और टोना के भरोसा के अपने को सुरक्षित मानकर चल रहे हैं। इसी कारण धार्मिक गुरुओं की दुकानें धड़ल्ले से चल रही हैं। यमुना पार कुछ तांत्रिक भेषधारी लोगों को कोरोना से बचाने के नाम पर जादू-टोना कर रहे हैं। दिल्ली जैसे शहर में जादू-टोना करने वालों की दुकानें जगह-जगह देखी जा सकती हैं।