जम्मू-कश्मीर को लेकर गठित परिसीमन आयोग ने गुरुवार को अपनी अंतिम रिपोर्ट हस्ताक्षर करके जारी कर दी। रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू संभाग में विधानसभा की 43 जबकि कश्मीर संभाग में 47 सीट होंगी। आयोग ने राज्य विधानसभा के लिए 16 सीट आरक्षित करने का सुझाव दिया था। कुल 90 विधानसभा सीट होंगी।
लोकसभा की राज्य से सीट की संख्या 5 हो गई है, जो पहले चार थी। परिसीमन आयोग का कार्यकाल शुक्रवार को खत्म हो जाएगा। विधानसभा सीटों की परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में कुल सात विधानसभा सीट बढ़ गयी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू रीजन में 6 और कश्मीर में एक सीट बढ़ी है।
परिसीमन से पहले अविभाजित जम्मू कश्मीर में 87 विधानसभा सीट थीं। अब कश्मीर क्षेत्र में 46 की जगह 47 सीट जबकि जम्मू क्षेत्र में 37 की जगह 43 विधानसभा सीट होंगी। आयोग के प्रस्ताव के बाद राज्य में कुल 90 विधानसभा सीट होंगी। जम्मू-कश्मीर में कुल 90 विधानसभा सीटें होंगी। इसके अलावा 9 सीटें अनुसूचित जनजाति और 7 अनुसूचित जाति (कुल 16) के लिए आरक्षित होंगी। लोकसभा की अब 5 सीटें होंगी।
याद रहे जम्मू-कश्मीर में जून 2018 के बाद से चुनी हुई सरकार नहीं है। अब परिसीमन रिपोर्ट का काम पूरा हो जाने से विधानसभा चुनाव होने संभावना बढ़ गयी है। जम्मू-कश्मीर के लिए केंद्र सरकार ने मार्च 2020 में परिसीमन आयोग का गठन किया था, जिसका अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई को बनाया गया था। आयोग में मुख्य चुनाव कमिश्नर सुशील चंद्रा और डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर चंदर भूषण कुमार भी थे।
अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिए जाने और लद्दाख को अलग टेरिटरी बनाने के बाद कमीशन ने यहां 83 से बढ़ाकर 90 विधानसभा सीटें करने का प्रस्ताव पेश किया था।