सेना के ६ जवान किन्नौर के ग्लेशियर में दबे

एक की जान जाने की सूचना, अन्य की खोज जारी

हिमाचल के सर्द रेगिस्तान के नाम से जाने जाने वाले किन्नौर में बुधवार को सेना  के ६ जवान ग्लेशियर में दब गए हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक इनमें से एक की मृत्यु होने की खबर है। अन्य पांच लापता बताये जा रहे हैं। इनके बचने की संभावना कम ही है।

”तहलका” को मिली जानकारी के मुताबिक घटना हिमाचल के किन्नौर में तिब्बत बॉर्डर पर शिपकिला के पास की है जहाँ सेना के छह जवान ग्लेशियर की चपेट में आ गए। इसमें एक जवान की मौत हो गयी है। पांच जवान लापता बताये गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक लापता जवानों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लांच कर दिया गया  है। यह सभी हिमखंड में दब गए हैं। घटना सुबह ११ बजे की है। 

किनौर के डीसी गोपाल चंद ने बताया कि अभी घटना की पूरी कन्फर्मेशन नहीं है कि जवानों के मामले में अभी क्या स्थिति है। अभी संपर्क भी नहीं हो पाया है। लेकिन सेना के कमांडर से जो बात हुई उसके आधार पर आज सुबह जेएंडके राइफल्स के १६  जवान नमज्ञा से शिपकिला के समीप पेयजल लाइन को रिपेयर करने गए थे।

डीसी के मुताबिक यह जवान पहाड़ी पर पेयजल पाइप लाइन को दुरुस्त कर रहे थे। इसी बीच पहाड़ी से ग्लेशियर गिरने के कारण छह जवान इसकी चपेट में आ गए। यह जवान ७ जेके राइफल्स के हैं। हालांकि एक जवान को घायल अवस्था में तुरंत रेस्क्यू किया गया, लेकिन पुह अस्पताल पहुंचने तक उसकी मौत हो गई है। जिला प्रशासन ने पुलिस और आइटीबीपी की २७बीं बटालियन के जवानों को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया है।

गोपाल चंद के मुताबिक उन्होंने सूचना मिलते ही एडीएम को घटनास्थल के लिए रवाना किया है। जवानों को बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है हालाँकि  मुश्किल कि उनकी स्थिति है।

शिमला में जनसत्ता के पत्रकार ओम प्रकाश ठाकुर ने ”तहलका” को फोन पर बताया कि आधिकारिक तौर पर एक ही जवान की मौत की पुष्टि हुई है। सेना और प्रशासन ने अन्य को लापता घोषित किया है। मृतक जवान की पहचान बिलासुपर के रमेश कुमार (४१) के रूप में की है।

सभी सुबह ११ बजे हिमखंड के नीचे दब गए। अब तक इन्हें निकाला नहीं जा सका है जिससे उनके बचने की संभावना कम है। ओम प्रकाश के मुताबिक यह सभी जवान हिमखंड के नीचे दब गए हैं। सेना के जवानों के अलावा आइटीबीपी के पांच जवान हिमखंड की चपेट में आ गए थे लेकिन उनके साथियों ने तुरंत बचाव और राहत कार्य चलाते हुए बचा लिया । लेकिन सेना के जवानों को नहीं बचाया जा सका है।