नीरव मोदी को प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटेन की अदालत से झटका

14 हजार करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग का मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटेन की अदालत से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने भारत प्रत्यर्पण से रोकने वाली उसकी याचिका को खारिज कर दी है।

ब्रिटेन में हाईकोर्ट के जज ने प्रस्तुत किए गए आवेदन पत्र को पढ़ने के बाद फैसला लिया कि धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए मोदी के प्रत्यर्पण रोकने के लिए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फरवरी के फैसले के खिलाफ अपील करने का कोई आधार नहीं है। अब उस पर शिकंज और सकता नजर आ रहा है।

गुजरात निवासी भगोड़ा कारोबारी नीरव मोदी और उनके साथियों ने साल 2011 में बिना तराशे हुए हीरे आयात करने को लाइन ऑफ क्रेडिट के लिए पंजाब नेशनल बैंक की एक शाखा से संपर्क साधा। आमतौर पर बैंक विदेश से आयात को लेकर होने वाले भुगतान के लिए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करता है, लेकिन पीएनबी बैंक के कुछ कर्मचारियों ने बैंक मैनेजमेंट को अंधेरे में रखकर कथित तौर पर नीरव मोदी की कंपनियों को फर्जी एलओयू जारी किया।

साजिश रचने वाले अधिकारियों ने सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन का गलत इस्तेमाल करते हुए नीरव और मेहुल चोकसी को फंड जारी करने की हरी झंडी दे दी। इस तरह इन्होंने बैंको बड़ा चूना लगाया। साथ हीरा व्यापार में भी फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया।

 मामले का खुलासा सात साल बाद उस वक्त हुआ जब ये भ्रष्ट अधिकारी रिटायर्ड हो गए और नीरव मोदी की कंपनी ने जनवरी 2018 में दोबारा इसी तरह की सुविधा शुरू करने की गुजारिश की। नए अधिकारियों ने फर्जीवाड़े को पकड़ा और घोटाले की जांच से पर्दा हटाने के लिए जांच शुरू की। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक ने जनवरी 2018 में पहली बार नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और उनके साथियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।