तहलका को साप्ताहिक पत्रिका के अवतार में केवल चार हफ्ते ही तो बीते हैं लेकिन इसकी प्रतिक्रिया अभिभूत करने वाली है। पाठकों को लगता है कि नये रुप में तहलका के मूल गुण तो अक्षुण्ण हैं ही, इसे संभालना और सहेज कर रखना भी आसान है। तहलका के संपादकीय दल के लिए ये गहरे संतोष की बात है और ये संतोष अब और भी गहरा हुआ है जब तहलका का हिंदी संस्करण भी इंटरनेट पर आने के लिए तैयार है। ऐसा करना तो हम पिछले कई सालों से चाहते रहे हैं लेकिन संसाधनों की कमी हमेशा आड़े आती रही।
हमें विश्वास है कि तहलका की पत्रकारिता के सरोकार और इसका जुड़ाव हिंदी पाठकों के साथ बड़ा गहरा है। ये एक ऐसा क्षेत्र है जिससे हम भी शिद्दत से जुड़ना चाहते रहे हैं। मुझे ऐसा भी लगता है कि देश के अंग्रेजी पाठकों की अपेक्षा हिंदी पाठक ज्यादा जमीनी, सरोकारी और सतर्क हैं। अक्सर हिंदी पाठक की राजनीतिक और सामाजिक समझ भी ज्यादा होती है। स्पष्ट है कि तहलका की जनहितकारी पत्रकारिता और हिंदी पाठकों के मेल-मिलाप की सही और कई वजहें हों।
हिंदी वेबसाइट का शुरुआती रूप काफी साधारण है, हमारे संसाधनों के सीमित दायरे की वजह से। शुरूआती सामग्री का एक बड़ा हिस्सा अंग्रेजी पत्रिका से होगा, पर साथ ही इसमें हिंदी जगत के अगुआ लेखकों, विश्लेषकों, विचारकों और आलोचकों के विशिष्ट लेख भी होंगे। हिंदी और अंग्रेजी के बीच विचारों और दृष्टिकोण का आदान-प्रदान हो सके, इसलिए कई हिंदी लेखों के अनुवाद का अंग्रेजी पत्रिका और वेबसाइट में भी स्थान होगा।
समय के साथ हमारी कोशिश रहेगी कि हिंदी टीम और इसके द्वारा शुरू की गई मूल पत्रकारिता का भी विस्तार हो। पाठकों से प्रतिक्रिया की अपेक्षा रहेगी। प्रतिक्रियाएं सुझाव, विचार या फिर ऐसे लेखों के रूप में भी हो सकती हैं जिन्हें हम वेबसाइट में शामिल कर सकें।
हिंदी वेबसाइट का विचार और इस विचार को आकार देने का श्रेय हमारे अग्रणी इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स में से एक संजय दुबे और उनकी समर्पित टीम के सदस्यों विकास बहुगुणा और अतुल चौरसिया को जाता है। साथ ही अंग्रेज़ी वेब टीम के प्रियंका और विजय का योगदान भी सराहने वाला रहा। हमारे एक्जीक्यूटिव एडिटर संकर्षण ठाकुर के कुशल मार्गदर्शन ने इस प्रयास को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
तहलका में हम सभी के लिए ये एक गर्व का क्षण है। हमें आशा है कि इस छोटी सी शुरुआत से जनहित के सरोकारों और उदारवादी विचारों से जुड़ा हुआ हिंदी पत्रकारिता का एक महत्वपूर्ण मंच बड़ी तेजी से उभरेगा।
तरुण जे तेजपाल