कंपन से परेशान मरीजों को अब सर्जरी की ज़रूरत नहीं, बिना चीरे होगा इलाज

अंजलि भाटिया
नई दिल्ली: कंपन (ट्रेमर) से जूझ रहे मरीजों के लिए राहत भरी खबर है।
दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में एक नई और अत्याधुनिक तकनीक एमआर-गाइडेड फोकस्ड अल्ट्रासाउंड (MRgFUS) की शुरुआत की गई है, जिससे बिना सर्जरी के ही कंपन का इलाज संभव हो गया है।
यह तकनीक अब तक देश में सिर्फ तीन स्थानों पर उपलब्ध है, जिनमें से दो दक्षिण भारत में हैं। उत्तरी भारत में यह सुविधा देने वाला पहला अस्पताल सर गंगा राम बना है। यह एक बिल्कुल गैर-सर्जिकल तकनीक है, जिसमें मरीज के सिर में कोई चीरा नहीं लगाया जाता। एमआरआई (MRI} की मदद से मस्तिष्क के उस हिस्से को पहचान लिया जाता है, जो कंपन का कारण बनता है, और फिर अल्ट्रासाउंड तरंगों से उसे गर्म कर निष्क्रिय कर दिया जाता है। इससे हाथों की अनियंत्रित कंपन में तुरंत राहत मिलती है।
फिलहाल यह तकनीक दो बीमारियों के लिए मंजूर की गई है —
एसेंशियल ट्रेमर (ET) जिसमें मुख्य रूप से हाथों में लगातार कंपन होता है। दूसरा
ट्रेमर-डॉमिनेंट पार्किंसन डिज़ीज़ (TD-PD) पार्किंसन का वह रूप जिसमें कंपन प्रमुख लक्षण होता है। इन बीमारियों से पीड़ित लोग लिखने, खाना खाने या पानी का गिलास पकड़ने जैसे आसान काम भी नहीं कर पाते।
अब तक इन रोगों में दवाएँ दी जाती थीं, लेकिन उनका असर सीमित रहता था और लंबे समय में साइड इफेक्ट्स हो जाते थे। इसके बाद एकमात्र विकल्प होता था डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (DBS) जिसमें मस्तिष्क में सर्जरी करके इलेक्ट्रोड लगाए जाते हैं।
एमआरजीएफयूएस (MRgFUS) इन दोनों के मुकाबले कहीं अधिक सुरक्षित, सरल और कारगर विकल्प बनकर सामने आया है। बिना किसी डिवाइस या बैटरी के सिर्फ एक सत्र में इलाज
और महज 1या 2 दिन में मरीज फिर से सामान्य जीवन जी सकता है।
सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सीएस अग्रवाल ने बताया, “यह तकनीक उन मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिन पर दवाओं का असर नहीं हो रहा था और जो सर्जरी से डरते थे। एमआरजीएफयूएस के ज़रिए हम बिना चीरफाड़ के इलाज कर पा रहे हैं।