पिछले काफी समय से देश में ब्रॉडबैंड की धीमी गति पर भी बहस चल रही है. ट्राई इस विषय पर भी कुछ महत्वपूर्ण फैसले करने वाला है. इस बारे में संस्था के चेयरमैन राहुल खुल्लर कहते हैं, ‘ हमें उम्मीद है कि ब्रॉडबैंड सेवाओं पर परामर्श लेने के लिए हम अगले महीने के आखिर आम लोगों से सुझाव के लिए प्रक्रिया शुरू कर देंगे.’ इस संबंध में खुल्लर ने नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क की उस वृहद् परियोजना का भी जिक्र किया जिसके माध्यम से देश की ढाई लाख पंचायतों को तीव्र गति की इंटरनेट सेवा से जोड़ा जाना है. यह परियोजना सन 2017 तक पूरी होनी है.
ट्राई के प्रावधानों के मुताबिक अपनी नीतियों में किसी तरह के बदलाव के पहले उसे आम जनता की राय लेना अनिवार्य है और इसी के आधार पर वह सरकार को अपनी नई नीति भेजता है. ब्रॉडबैंड सेवा और ओटीटी के लिए भी ट्राई यही प्रक्रिया शुरू करने वाला है.