गाजा में अस्थाई शांति

इजरायल और फिलीस्तीनी संगठन हमास के बीच पिछले एक महीने से छिड़े खूनी संघर्ष से लोगों को राहत मिली है. दोनों पक्ष इलाके में तीन दिन के अस्थाई संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं. संघर्ष विराम मंगलवार सुबह से प्रभावी हुआ. इससे पहले इजरायली सेना ने सोमवार को गाजा में सात घंटे के एक तरफा संघर्ष विराम के बाद सैन्य कार्रवाई की थी. गाजा पर हमास का नियंत्रण है.

ताजा संघर्ष विराम मिस्र की राजधानी काहिरा में सोमवार को विभिन्न फिलीस्तीनी समूहों की आपसी बातचीत के बाद लागू किया गया. हालांकि इजरायल इस बातचीत में शामिल नहीं हुआ था लेकिन उसने इसे अपनी मंजूरी दे दी. इससे पहले भी मिस्र क़ी मध्यस्थता में इसी तरह का संघर्ष विराम का समझौता हुआ था. इजरायल इसे मंजूर कर लिया था जबकि हमास ने खारिज. दोनों पक्षों के बीच संघर्ष विराम की कई कवायदें कुछ घंटे से ज्यादा समय तक कामयाब नहीं रह सकीं.
इस लड़ाई में अब तक 1900 फिलीस्तीनियों और 67 इजरायलियों की जान जा चुकी है. मरने वाले फिलिस्तीनियों में से अधिकांश आम नागरिक थे जबकि इजरायल के 64 सैनिकों और तीन आम नागरिकों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.

अस्थायी युद्ध विराम की इस अवधि के दौरान इजरायल और हमास काहिरा में भविष्य की योजना पर बातचीत करेंगे. हमास चाहता है कि इजरायल और मिस्र गाजा सीमा पर लगी सात साल पुरानी बंदिश को खत्म करें जबकि इजरायल की मांग है कि हमास हथियार डाल दे.

इजरायल और हमास के बीच हालिया लड़ाई की शुरुआत गत 8 जुलाई को उस वक्त हुई थी जब इजरायल ने हमास नियंत्रित गाजा से किए जा रहे रॉकेट हमलों के जवाब में हवाई कार्रवाई की थी. 17 जुलाई को उसने अपनी पैदल सेना को गाजा भेजकर सैन्य कार्रवाई को और विस्तार दे दिया. इजरायल की दलील थी कि उसने इन सैनिकों को उन सुरंगों का नेटवर्क नष्ट करने के लिए भेजा है जिनका इस्तेमाल उस पर हमला करने के लिए किया जा रहा था.

इस बीच इजरायल ने कहा है कि संघर्ष विराम को सफल बनाने की पूरी जिम्मेदारी हमास पर है क्योंकि इजरायल किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है. इजरायली सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल पीटर लर्नर ने कहा कि सैनिकों और टैंकों को गाजा पट्टी के बाहर तैनात किया जाएगा और वे अपनी ओर से यह स्थिति बनाए रखेंगे कि वे किसी भी हमले का जवाब देने के लिए तैयार हैं.