‘साइट’ एक अगस्त, 1975 से 31 जुलाई, 1976 तक चला. इसके तहत छह राज्यों के तकरीबन 2,500 गांवों को चुना गया था. इनमें परीक्षण के पहले विशेष प्रकार की डिश एंटेना व टीवी सेट की व्यवस्था की गई थी. इस प्रयोग के लिए जमीनी स्तर पर सभी काम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) की देखरेख में किए गए. ‘साइट’ के बारे में कहा जाता है इसके माध्यम से उस समय लाखों लोगों ने पहली बार टीवी पर कार्यक्रम देखे थे. तब ये कार्यक्रम ऑल इंडिया रेडियो के प्रोडक्शन विभाग ने तैयार किए थे. ‘साइट’ परियोजना समाप्त होने के बाद जब सरकार ने इसका आकलन करवाया तो पता चला इन क्षेत्रों में ग्रामीण आबादी पर कार्यक्रमों का व्यापक सकारात्मक असर पड़ा है.
दूसरा जो सबसे महत्वपूर्ण फायदा भारत को मिला वह यह था कि हमारे वैज्ञानिक व इंजीनियर संचार उपग्रह की कार्यप्रणाली से इस हद तक परिचित हो गए कि अब वे स्वदेशी उपग्रह बना सकते थे. अंतत: यह भारतीय वैज्ञानिकों ने 1982 में इनसेट-1ए अंतरिक्ष में पहुंचाकर यह कर के भी दिखाया.