इंग्लैंड

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विश्व रैंकिंग: 10
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन: विजेता (1966)

खास बात
सालों तक इंग्लैंड का आक्रमण मजाक का विषय रहा है. लेकिन डेनियल स्टरीज, जिन्होंने पिछले सत्र में लिवरपूल की तरफ से खेलते हुए 31 गोल किए थे, के आने से इस मोर्चे पर टीम काफी मजबूत दिखने लगी है. अब स्टार खिलाड़ी वायने रूनी पर से भी कुछ दबाव कम होगा

इंग्लैंड बॉबी चार्लटन की कप्तानी में सन 1966  में विश्व चैम्पियन बना था. फुटबाल के इस वर्ल्ड कप का मेजबान इंग्लैंड ही था. घर में हुए इस कप को जीतने के बाद उसका अपने सबसे पारंपरिक खेल क्रिकेट में धीरे-धीरे रुझान काम होने लगा और शायद इसी वजह से इंग्लैंड दुनिया की सबसे महंगी क्लब फुटबाल प्रतियोगिता का आयोजक बना. आज हम इसे इंग्लिश प्रीमियर लीग या ईपीएल के नाम से जानते हैं. आज भले यह दुनिया की सबसे चर्चित फुटबाल लीग है. लेकिन यह माना जाता है कि लीग के कारण ही इंग्लैंड के घरेलू खिलाड़ी उभर कर नहीं आ पाते.पूरी लीग पिछले एक दशक से विदेशी खिलाड़ियों के कारनामों की गवाह रही है. वहीं इंग्लैंड के लिए यह सूची डेविड बेकहम और वायने रूनी से आगे नहीं जा पाती.  इस विश्व कप में खेल रहे 119 खिलाड़ियों का ईपीएल से सीधा संबंध है.  इस बार इंग्लैंड के कोच हडसन ने पुराने खिलाड़ी छोड़कर नौजवानों पर भरोसा जताया है. वरिष्ठों में वेन रूनी और स्टीवन जेरार्ड भी हैं. इस बार डेनियल स्ट्रीज, रहीम स्टर्लिंग, अलेक्स ओक्स्लेड चेम्बर्लेन और ऐडम ललाना के इंग्लैंड की अग्रणी पंक्ति में होने से फारवर्ड के असरदार रहने की उम्मीद है.