इंतजार है धोनी सर का
टीम के ऑलराउंडर दीपक मलिक जो मूलतः सोनीपत के हैं, इन दिनों दिल्ली के आरकेपुरम् स्थित अंध विद्यालय में रह रहे हैं. इस समय वे 12वीं में पढ़ रहे हैं. वे महेंद्र सिंह धोनी को अपना रोल मॉडल मानते हैं. दीपक ने बताया, ‘जिन दिनों मैं वर्ल्ड कप की तैयारी कर रहा था, धोनी सर से मेरी मुलाकात हुई थी. उस समय उन्होंने कहा था कि अगर हम वर्ल्ड कप जीतते हैं, तो मुझे एक करोड़ रुपए की स्पॉन्सरशिप दिलवाएंगे. पहले तो मुझे विश्वास नहीं हुआ. फिर मैंने उनसे पूछा कि कहीं आप मजाक तो नहीं कर रहे? वर्ल्ड कप जीतने के बाद उन्होंने मुझे कॉल किया था और बधाई दी थी. उस समय वे ऑस्ट्रेलिया टूर पर थे. अब मुझे उनके वापस लौटने का इंतजार है.’
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सीमित साधनों में हासिल की असाधारण सफलता
एक तरफ बीसीसीआई का उपेक्षापूर्ण रवैया है, तो दूसरी तरफ संसाधनों की कमी. टीम के पास कोई बड़ा स्पॉन्सर नहीं है. ऐसे में खिलाड़ियों के लिए खेल के जरूरी उपकरणों के साथ सुविधाओं का इंतजाम करना किसी चुनौती से कम नहीं है. कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जिन्हें अपने खर्च पर आने-जाने का इंतजाम करना पड़ता है. कोच पैट्रिक राजकुमार का कहना है कि खेल की बारीकियां सिखाने के साथ-साथ हमारी कोशिश यह भी रहती है कि बच्चों का आत्मविश्वास बना रहे. बिना किसी बड़े सहयोग के टीम ने कई बड़े टूर्नामेंट जीते हैं, हमारे लिए यह गर्व की बात है. अगर इनको दूसरे देशों की टीमों की तरह पूरा सहयोग मिले, तो ये बड़ी कामयाबियां हासिल कर सकते हैं.
कैप्टन शेखर नायक के दिल में भी इस बात की कसक है कि उनकी उपलब्धि के मुताबिक उन्हें सहयोग नहीं मिलता. वे कहते हैं, ‘टीम इंडिया की ही तरह टी-20 और वनडे वर्ल्ड कप जीतने के बावजूद अब तक सरकार और बीसीसीआई से उम्मीद के अनुरूप सहयोग नहीं मिला है.’ हालांकि खेल मंत्रालय और प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा सम्मानित किये जाने से टीम के सभी खिलाड़ी खुश जरूर हैं. शेखर का कहना है, ‘जब हमने साल 2012 में बेंगलुरू में हुआ टी-20 वर्ल्ड कप जीता था, तब मीडिया में इसकी ज्यादा चर्चा नहीं हुई थी. इस बार जब प्रधानमंत्री ने सम्मान किया, तो उसके बाद राष्ट्रीय मीडिया में भी हमारी उपलब्धियों पर बात की गई.’
टीम इंडिया की जर्सी में खेलने की तमन्ना
टीम के सभी खिलाड़ियों की इच्छा है कि जैसे दूसरे देशों की टीमें अपने देश की आधिकारिक ड्रेस में खेलती हैं, वैसे ही इनको भी टीम इंडिया की जर्सी मिले. वर्ल्ड कप जीतनेवाली टीम के सदस्य केतन पटेल का कहना है, ‘मैं यह महसूस कर सकता हूं कि जब टीम इंडिया के खिलाड़ी मैदान पर उतरते होंगे, तो उनके अंदर गर्व के कैसे भाव आते होंगे? हम भी जब मैदान पर उतरते हैं, तो सिर्फ जीत के ख्याल से आते हैं. टीम के सभी खिलाड़ी चाहते हैं कि हमें बीसीसीआई से कुछ सहयोग मिले और हम सब टीम इंडिया की तरह खेल सकें.’