2006 में हुए इस वाकये के बाद शेर सिंह राणा का नाम फिलहाल समाचार चैनलों के लिए अप्रासंगिक हो चुका है. शेर सिंह ने उसके बाद क्या किया, फूलन देवी हत्यांकाड के तहत उसके खिलाफ चल रहे मुकदमे की सुनवाई कहां तक पहुंची जैसी जानकारियों को लेकर मीडिया ने उतनी कवरेज फिर कभी नहीं की. कई लोगों के मुताबिक इन वर्षों में देश और दुनिया में बहुत सी दूसरी घटनाएं ऐसी रहीं जो टीवी चैनलों के मिजाज के अनुरूप ब्रेकिंग न्यूज के लिए ज्यादा मुफीद रही. बावजूद इसके इस जिज्ञासा से इनकार नहीं किया जा सकता कि शेर सिंह राणा का हालिया स्टेटस क्या है.
पिछले साल आठ सितंबर को शेर सिंह राणा को अंतिम बार सार्वजनिक रूप से देहरादून की जिला अदालत परिसर में देखा गया. दिल्ली पुलिस की टीम उसे वहां डेढ़ दशक पुराने कार लूट के एक मामले में पेशी के लिए लाई थी. उस दिन देहरादून पुलिस ने शेर सिंह के खिलाफ उस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था. इस मामले की सुनवाई देहरादून की अदालत में चल रही है. शेर सिंह पर आरोप है कि उसने 1997 में देहरादून के रहने वाले एक व्यक्ति कपिल शर्मा के साथ मारपीट करके उसकी कार लूट ली थी. कपिल शर्मा ने राणा को तब पहचाना था जब फूलन देवी की हत्या में उसका नाम आने पर टीवी चैलनों में उसकी तस्वीर दिखी थी. इसके अलावा शेर सिंह राणा ने 2012 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की इच्छा भी जताई थी.
फूलन देवी हत्या कांड के मुकदमे में फैसला आते ही शेर सिंह राणा का एक बार फिर चर्चा में आना तय है, चाहे वह दोषी साबित हो या नहीं
अब बात फूलन देवी हत्याकांड के मुकदमे की करें तो दिल्ली स्थित पटियाला हाउस कोर्ट में चल रहा यह मुकदमा अपने अंतिम चरण में है. इस मामले में ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है. इस मामले में शेर सिंह राणा सहित 12 लोगों को आरोपी बनाया गया है. एक आरोपी की मौत होने के कारण उसके खिलाफ मामला बंद हो चुका है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल के अंत तक इस मामले में फैसला आ जाएगा. शेर सिंह राणा के भाई राजू राणा कहते हैं, ‘बहुत जल्द मेरा भाई बाइज्जत बरी होकर सलाखों के बाहर होगा.’ राजू राणा शेर सिंह राणा को तिहाड़ से भगाने की साजिश रचने के जुर्म में आरोपित है और तकरीबन साढे़ ग्यारह हालों तक जेल में रहने के बाद पिछले साल ही जमानत पर बाहर आया है.
बहरहाल भले ही शेर सिंह राणा समाचार चैनलों से गायब है, लेकिन इतना तय है कि फूलन देवी हत्या कांड के मुकदमे में फैसला आते ही समाचार चैनलों की ब्रेकिंग न्यूज वाली पट्टियां एक बार फिर उसके नाम को लेकर सरपट दौड़ती हुई दिखेंगी. चाहे वह दोषी साबित हो या बेगुनाह.