88वें वायुसेना दिवस पर दिखाया दम

राफेल की गर्जना से काँप जाएगा दुश्मन, हवाई युद्ध के लिए हम पहले से मज़बूत हुए हैं

मैदान में धूल चटाना, भारतीय सेनाएँ बहादुरी दिखाने से पीछे नहीं हटतीं।  8 अक्टूबर को 88वें वायुसेना दिवस के अवसर हिंडन (गाज़ियाबाद) में वायुसेना के लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों ने जो अनोखे करतब दिखाये, वह भारत के लिए गौरव की बात है, तो दुश्मन देशों के लिए संदेश कि भारत से उलझने में उन्हें बड़ा नुकसान उठाना होगा। इस अवसर पर पुलवामा हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना की बालाकोट एयर स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाने वाली स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल को युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया। वह पहली महिला हैं जिन्हें युद्ध सेवा पदक मिला है। इस अवसर एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायु सेना ने अपने इरादों, संकल्प, अभियान क्षमता और कभी भी ज़रूरत पडऩे पर अपने दुश्मन से आक्रामक और प्रभावी रूप से निपटने के लिए स्पष्ट रूप से तैयार है, जिसका प्रदर्शन किया गया है। इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख ने देशवासियों को आश्वस्त करते कहा कि सभी परिस्थितियों में राष्ट्र की सम्प्रभुता और हितों की रक्षा के लिए बल हमेशा तैयार रहेगा और स्वंय को विकसित करता रहेगा।

मौज़ूदा दौर में भारत और चीन सीमा पर चल रहे तनाव को लेकर इस बार जो अनोखे करतब वायुसेना द्वारा दिखाये गये हैं, उससे चीन ज़रूर सहमा होगा। भदौरिया ने कहा कि हम उत्तरी सीमाओं पर हाल के गतिरोध में तनाव बढऩे पर तुरन्त प्रतिक्रिया देने के लिए हम वायुसेना के योद्धाओं की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच गत 5 महीनों से तनावपूर्ण गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। ऐसे हालात में वायुसेना ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण उपकरणों के साथ-साथ आधुनिक लड़ाकू विमान तैनात किये हुए हैं। क्योंकि पड़ोसी देशों की हरकतों के चलते हालात और जटिल होते जा रहे हैं और सुरक्षा परिदृश्य की दृष्टि से युद्ध में वायुसेना की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। भदौरिया ने कहा कि आतंकवाद और साइबर जगत से पैदा होने वाले खतरे भी क्षेत्र में हैं। ऐसे में विनाशकारी टेक्नोलॉजी और ड्रोन जैसे सस्ते विकल्पों तक सुगम पहुँच को देखते हुए खतरों पर बहुत अधिक सावधान रहने की ज़रूरत है।

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे तनाव पर उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना हर स्तर पर निपटने में समक्ष है। भदौरिया ने कहा कि वायुसेना दोनों मोर्चो पर लडऩे को तैयार है। भारत के सामने चीनी हवाई ताकत बेहतर नहीं है; क्योंकि राफेल लड़ाकू विमानों के आने से वायुसेना की ताकत में इज़ाफा हुआ है। भविष्य में ज़रूरत पडऩे पर और भी फ्रांस से लड़ाकू विमानों को खरीदा जा सकता है।

राफेल विमानों की पहली खेप से हमारी युद्धक क्षमताओं में बढ़ोतरी हुई है, जिससे हम हवा में और मज़बूत हुए हैं, जिसके बल पर हम दुश्मनों की किसी भी हरकत का मुँहतोड़ जबाव दे सकते हैं। पड़ोसी दुश्मन देशों के उभरते खतरे के परिदृश्य में पूरे क्षेत्र में युद्ध लडऩे के लिए मज़बूत क्षमता ज़रूरी है। भदौरिया ने कहा कि लद्दाख एक छोटा हिस्सा है। पूर्वोत्तर में कार्रवाई की योजना तैयार है और वहाँ भी हम मज़बूत हैं। हमने कई ऑपरेशनल इलाकों में तैयारी कर रखी है, ताकि किसी भी विषम परिस्थिति व आपात स्थिति में हम उस पर कार्रवाई कर सकें। चीन को हम किसी भी स्थिति में चुनौती दे सकते हैं। हिंडन क्षेत्र में आकाश में प्रदर्शन करते वायुसेना के सूर्याकिरण विमान, राफेल विमान, एंटी एयरगन ने अनोखे अंदाज़ में जो करतब दिखाये और चिनूक ने जिस तरह कंटेनर उठाये उससे लोग आश्चर्यचकित रह गये।

बताते चले कि इन दिनों दुनिया कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रही है, तो वहीं पड़ोसी मुल्कों के कायराना रवैये के कारण आये दिन भारत की सीमाओं पर तनाव भरा माहौल है, जिसकी वजह से सम्भावित विश्व युद्ध की आहट सुनायी देने लगती है। ऐसे हालात में हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है। भले ही कूटनीतिक स्तर पर माहौल को शान्त करने के प्रयास किये जाते रहे हों, लेकिन मौज़ूदा समय में जो भी हो रहा है, उसमें हमें शान्तिवार्ता से लेकर युद्ध स्तर तक हर मौर्चे पर चौकस रहने की ज़रूरत है। ऐसे माहौल में वायुसेना की अपार उपलब्धियों पर देश को गर्व है। वायुसेना वीरता और क्षमताओं के बल पर देश सुरक्षित है, क्योंकि वह दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में सक्षम है।