3 मई के बाद लाँकडाउन बढा तो उत्तराखंडवासी जायेंगे घर –गाँव

कोरोना के नाम पर सरकार पर सियासत का आरोप लगाया

लाँकडाउन आगे बढाये जाने को लेकर भले ही अभी असमजंस की स्थिति बरकरार है। कि 3 मई के बाद लाँकडाउन खुलेगा या बरकरार रहेगा। ऐसी स्थिति में उत्तराखंड वालों के सामने काफी विकट समस्या ये बनती जा रही है, कि अगर लाँकडाउन नहीं खुलता है। तो वो अपने घर- गाँव कैसे जायेगें।इसी बारे में तहलका संवाददाता को उत्तराखंड के नैनीताल जिले के राम नगर और हरिद्वार जिले के लोगों ने बताया कि सारे देश में रोजी –रोटी के चक्कर में उत्तराखंड के लोग है।पर इस समय कोरोना वायरस के कहर के कारण लोगों में जो डर ,भय बना है । ऐसी स्थिति में लोग अब अपने परिजनों के बीच –जीवन यापन करना चाहते है। पर सरकार कोई भी व्यवस्था नहीं कर रही है, कि आम जन- मानस अपने घर गांव आ जा सकें  राम नगर के निवासी मनोज कुमार ने बताया कि वे दिल्ली में व उनका एक भाई राजस्थान में सालों -साल से प्राईवेट नौकरी करते आ रहे है। ऐसे में अब उनके माँ –बाप चाहते है। कि उनके बेटे अपने घर –गाँव आ जाये।पर मनोज का कहना है कि सरकार अपना आदेश जारी कर ये भर कहती है। कि जो जहां पर है, वहीं रहें ओर कोई भूखा नहीं सोएगा । लेकिन सरकार को इस बात पर भी गौर करना चाहिये। कि खाना के अलावा दैनिक खर्चे भी होते है। उस पर सरकार का जनता के प्रति दायित्व ये भी होता है कि जनता के दर्द को जाने पर कुछ कोई खास पहल नहीं, ये कोई बात हुई। ऐसे हालात में सरकार को ये भी तो करना चाहिये कि जो गाँव जाना चाहे उन्हें गाँव जाने की इजाजत दें । ताकि जनता को किसी प्रकार कोई दिक्कत ना हो।अन्यथा अब जनता पैदल या अपने वाहनों से घर –गांव जाने को वे-बस होगी।हरिद्वार निवासी मोहन ओर राज ने सरकार की नीतियों को आडे हाथों लेते हुये कहा कि सरकार अगर 3 मई के बाद लाँकडाउन को बढाती है। तो जनता का सब्र –धैर्य का बांध टूट जायेगा ।मोहन ओर राज का कहना है कि सरकार के आदेश का पालन जनता कर रही है।चाहें सोशल डिस्टेंसिग हो या लाँकडाउन । फिर भी ना जाने क्यों सरकार कोरोना कहर के नाम पर राजनीति कर रही है।उऩ्होने कहा कि सरकार लाँकडाउन बढाये या ना बढाये पर लोगों को अपने – अपने गाँव जाने की इजाजत व आदेश जारी करना होगा । क्योंकि प्राईवेट नौकरी करने वालों के सामने नौकरी का संकट बना हुआ है।मनोज कुमार ने बताया कि उत्तराखंड के वे लोग जो प्राईवेट नौकरी करते है । जो इस समय जम्मू –कश्मीर , महाराष्ट्र, राजस्थान ओर हिरयाणा में है । सबका एक ही कहना है कि सरकार कोई ऐसा रास्ता निकालें ताकि कोरोना के कहर बचें रहे ओर अपने घर –गाँव भी चलें जाये।उत्तराखंड वासियों का कहना है कि कोरोना वायरस को लेकर सत्ता पक्ष ओर विपक्ष के बीच जो भी सियासी दांव –पेंच खेले जा रहे हो पर जनता को काफी नुकसान हो रहा है।क्योंकि कांग्रेस कोई भी ऐसी पहल नहीं करना चाहती है। जिससे उस पर कोई आरोप लगे कि कोरोना के दौरान कांग्रेस ने राजनीति की थी। ऐसे में अब सत्ता अपना मन माफिक कर रही है।

बताते चलें उत्तराखंड के लोग अपने सरलता ओर काम के लिये जाने जाते है। पर हालात ने उनको इस कदर झझंकोर के रख दिया  है ।कि वे अब अपने परिवार के साथ अपने – अपने घर –गाँव जाने को वे-बस है।ऐसा भी नहीं है। कि वे फिर से काम के लिये परदेश नहीं जाना चाहेगें। लेकिन वे उत्तराखंड तब तक ही रहना चाहते है । जब तक कोरोना वायरस का खात्मा नहीं हो जाता है।