हिन्दुओं की भावनाओं को समझें सरकार और अदालत

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर 9 दिसम्बर को दिल्ली के राम लीला मैदान में विश्व हिन्दू परिषद की धर्म सभा का भव्य व उग्र आयोजन किया गया। जिसमें भारी संख्या में पहुचें राम भक्त, साधु संतों और आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने सरकार को चेतावनी दी कि अदालत की प्रतिष्ठा बनी रहे, ऐसे में सरकार कानून बनाये या अध्यादेश लाये जिससे बिना संघर्ष और अवरोध के राम मंदिर का निर्माण हो सके। राम मंदिर निर्माण के लिये निश्चित तौर पर विश्व हिन्दू परिषद ने धर्मसभा का आह्वान किया था पर वहां भाजपा कार्यकर्ताओं, सांसदों और विधायकों की उपस्थिति से यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा भी अब राम मंदिर के लिये आर-पार की लड़ाई के मूड़ में है। इनकी मांग है कि संसद के शीत कालीन सत्र में अध्यादेश लाया जाए। मंदिर निर्माण में कोई भी दल विरोध नहीं करेगा।

धर्म सभा में संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा कि हम राम मदिर की भीख नहीं मांग रहे केन्द्र सरकार अपने अधूरे संकल्प को पूरा करने के लिये जल्द कानून बनाये। भैयाजी ने कहा कि आज जो सत्ता में बैठे हैं उन्हीं लोगों ने कहा था कि मंदिर वहीं बनाएंगे। अब समय आ गया कि राम मंदिर का निर्माण हो हिन्दू समाज संघर्ष नहीं चाहता। अगर हम संघर्ष चाहते तो इतने वर्षो तक इंतजार नहीं करते। जोशी ने कहा कि शीर्ष अदालत लोगों की भावनाओं को समझें। न्यायपालिका के प्रति अविश्वास का वातावरण ठीक नहीं है। इसी मौेके पर साध्वी ़़ऋतंभरा अपने तीखें अंदाज़ में सरकार पर प्रहार किए। उन्होंने कहा ऐसे में सरयू नदी पर दीप जलाना सब व्यर्थ है। विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि दशकों के इंतजार के बाद हिन्दू अब इंतजार के मूड़ में नहीं हैा धर्मसभा में अध्यादेश लाने की मांग की। आलोक कुमार ने मंदिर मामले को सुप्रीम कोर्ट की प्राथमिकता सूची में शामिल नहीं करने और सुनवाई टालने पर निंदा की और कहा कि हिन्दू समाज 68 सालों से प्रतीक्षा कर रहा है काफी समय तो अदालत में इंतजार में गुजरे है ऐसे में हिन्दू समाज का धैर्य टूट रहा है। अन्तर्राष्ट्ीय योग एक्सपर्ट व गवर्निग बॉडी आईसीसीआर के सदस्य डॉ वरूणवीर ने कहा कि बहुत ही दुखद है कि आराध्य भगवान राम का जितना अपमान उनकी स्वयं की जन्म भूमि पर हुआ उतना किसी आराध्य देव का उनकी जन्म भूमि पर नहीं हुआ। मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम का मंदिर आस्था का विषय है जिसे संविधान के दायरे में नहीं रखा जा सकता। भगवान राम केवल हिन्दुओं के आराध्य नहीं अपितु समूची मानव जाति के आराध्य देव है श्रीराम जन्मभूमि 490 सालों से रक्त रंजित हो रही है अब समय आ गया है कि सभी मत मतान्तरों को एक होकर राजनैतिक प्रतिद्वदिता से उपर उठकर हर मूल्य पर राम मंदिर का निर्माण करने के लिये आगे आना चाहिये और समूची मनुष्य जाति का गौरव बढ़ाना चाहिए। विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष वी एस कोकजे ने कहा कि मंदिर गिरा कर मस्जिद बनाई थी। राम मंदिर चुनावी मुद्दा नहीं है देश में चुनाव हर 6 महीने में होते रहते है तो क्या हम ऐसे में चुपचाप बैठे रहे, अब समय आ गया है कि राम मंदिर के निर्माण हो जो बाधा है उसको दूर करें अन्यथा 6 दिसम्बर 1992 वाली बात याद है। राम लीला मैदान में पूर्वी दिल्ली के भाजपा सांसद महेश गिरी ने कहा कि आज जो जनसैलाब उमड़ा है उसकी एक ही मांग है कि राम मदिर बनना चाहियेे वे भी सरकार से मांग करते है कि राम मंदिर को लेकर अब इंतजार नहंी होता।

भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि सारा देश राम मंदिर के निर्माण के लिये राम लीला मैदान में एकत्रित हुआ है। जो जनसैलाब है उसकी एक ही मांग है कि राम मंदिर का निर्माण हो ऐसे में सरकार जनभावनाओं का सम्मान करेगी।

उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली से आए लोगों और साधु संतों ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण का मामला 1991 में जब उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह की सरकार की थी तब कल्याण सिंह के मंत्रिमंडल ने राम मंदिर के लिये शपथ ली थी लेकिन तब केन्द्र में भाजपा की सरकार नहीं थी लेकिन अब केन्द्र में और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है ऐसे में मंदिर का निर्माण का न होना देश के हिन्दुओं के साथ धोखा है। हरियाणा से आए रामसेवक नेे बताया कि जब 1992 में बाबरी मस्जिद टूटी थी तब वे आयोध्या गए थे अब वे मंदिर निर्माण के लिये अयोध्या फिर जाएंगे और तब तक लौट कर वापिस नहीं आएंगे जब तक राम मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता है।उत्तर प्रदेश के प्रयाग राज (इलाहाबाद) से आये राम भक्त संत पूरनचंद्र ने कहा कि कुंभ के मेले के दौरान संत समाज अपना निर्णय सुनाएगा।उन्होंने कहा कि देश के हिन्दुओं में राम मंदिर को लेकर आस्था है और अटूट विश्वास है। अब भाजपा सरकार ने भव्य मंदिर का निर्माण नहीं किया तो भाजपा हिन्दुओं के वोट नहीं पायेगी। राजस्थान के विमल पंडित ने कहा कि भाजपा,बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद और राम सेना सहित तमाम हिन्दू संगठन जिसमें आरएसएस भी शामिल है इन्हीं सभी ने कहा है कि मंदिर वहीं बनाएंगे। अगर अब मंदिर का निर्माण भाजपा ने नहीं करवाया तो भाजपा को सरकार से हाथ धोना पड़ेगा।

संतों का ऐलान आश्रम आराम बाग के राघवानंद महाराज ने कहा कि अगर दिसम्बर तक मंदिर का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ और कानून नहीं बना तो संघर्ष ही एक रास्ता बनता है। स्वामी सोमेश्वरा नंद महाराज ने कहा कि देश की जनता के सामने राम के नाम पर वोट मांग कर सरकार बनाने वाले नेताओं को शर्म आनी चाहिए।

6 दिसम्बर 1992 को जब बाबरी मस्जिद को तोडा गया तब उत्तर -प्रदेश में कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे। देश में बाबरी मस्जिद के तोड़े जाने के बाद माहौल काफी उथल-पुथल भरा रहा ऐसी परिस्थिति में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहराव ने देश का मिजाज भांपते हुए उत्तर -प्रदेश की कल्याण सिंह सरकार, मध्य-प्रदेश की सुदंर लाल पटवा सरकार और राजस्थान की भैरो सिंह शेखावत सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था। तब स अब तक राम मंदिर का मामला आस्था ,इतिहास और कानूनी दांव -पेंच में फंसा है।