हाथरस में बबाल जारी ; तनाव के बीच आरएलडी-पुलिस में भिड़ंत, सपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज

हाथरस में एक दलित लड़की से गैंगरेप और आधी रात को तेल डालकर पुलिस के उसको जलाने की घटना से पैदा हुआ बबाल योगी सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद संभल नहीं रहा और वहां अब रविवार को हाथरस में पुलिस और आरएलडी कार्यकर्ताओं के बीच जबरदस्त झड़प हो गयी जिसके बाद पुलिस ने आरोप लगाया है कि एक महिला कांस्टेबल के साथ बदसलूकी की गई, हालांकि, आरएलडी ने इसे गलत बताया है। उधर सपा नेता आज परिवार से मिले हैं। सपा कार्यकर्ताओं ने उनपर लाठीचार्ज करने का आरोप लगाया है। धारा 144 लगी होने के बावजूद वहां सवर्णों की एक महापंचायत हुई जिसमें आरोप लगाया गया है कि ‘बेकसूरों को फंसाने के लिए’ सरकार ने ‘एकतरफा कार्रवाई’ की है। इस बीच पीड़ित परिवार ने योगी सरकार की इस मामले की सीबीआई की जांच की घोषणा के बाद कहा है कि घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से होनी चाहिए। परिवार पहले ही सरकार के लोगों पर उनपर दबाव बनाने का आरोप लगा चुका है।
बता दें शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पीड़ित परिवार से  जाकर मिले थे। इसके बाद राजनीतिक दलों में परिवार से मिलने की होड़ लग गयी है। पुलिस ने आरोप लगाया है कि आरएलडी के पांच लोगों को इजाजत दी थी, लेकिन ज्यादा संख्या में कार्यकर्ता जा रहे थे। पुलिस का आरोप है कि वहां मौजूद आरएलडी कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी की और महिला कांस्टेबल के साथ बदसलूकी की गई,   पुलिस के एक जवान को पथराव से चोट लगी है, हालांकि आरएलडी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने बेवजह लाठीचार्ज किया।
इस बीच भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर की गाड़ियां अलीगढ़ से हाथरस जाते हुए 20 किलोमीटर पहले रोक दी गयी हैं। चंद्रशेखर ने कहा – ‘हम पैदल ही अलीगढ़ से हाथरस जा रहे हैं।’ अभी तक की ख़बरों के मुताबिक वे हाथरस के गाँव पहुँच चुके हैं।
उधर आज सपा का एक प्रतिनिधिमंडल हाथरस में गैंगरेप पीड़िता के परिवार से मिला। सपा नेता धर्मेंद्र यादव, अक्षय यादव, सपा विधायक संजय लठार, जयवीर इसमें शामिल हैं। सपा कार्यकर्ताओं ने इस मौके पर यूपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं को हटाने के लिए पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया।  समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि लाठीचार्ज और पथराव उनपर हुआ है और वो तो ‘देश और लोकतंत्र बचाने’ आए थे। एक मौके पर आरएलडी और सपा कार्यकर्ता ही आपस में भिड़ गए। कार्यकर्ताओं के आपस में पथराव के दौरान पुलिस को कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करना पड़ा।
आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने कहा कि वो और उनकी पार्टी कार्यकर्ता केवल पीड़ित परिवार का दुख बांटने और उन्हें ढांढस बंधाने आए थे। उन्होंने किसी तरह के कानून का उल्लंघन नहीं किया है और वो सीमित संख्या में ही कार्यकर्ताओं के साथ आए।
इस बीच पीड़ित परिवार वालों ने सीबीआई जांच का  ख़ास समर्थन नहीं किया है। पीड़िता के भाई ने कल कि उन्हें सीबीआई जांच पर भरोसा नहीं है और वे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जांच चाहते हैं।
बता दें योगी सरकार ने हाथरस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है लेकिन लड़की के भाई ने मांग की है कि घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से होनी चाहिए। परिवार पहले ही सरकार के लोगों पर उनपर दबाव बनाने का आरोप लगा चुका है।