सोनाली फोगाट हत्याकांड, चुप्पी ने बढ़ाया सुधीर का हौसला

ख़ुद को शेरनी कहने वाली अभिनेत्री और राजनीतिक सोनाली फोगाट का बिना मुक़ाबले अन्त झकझोरने वाला रहा। सरेआम सरकारी अधिकारी की सैंडल से पिटायी करने वाली और बिग बॉस में महिला सहभागी को बाहर देख लेने की धमकी देने वाली और बिंदास अंदाज़ वाली सोनाली को मौत उसी भरोसेमंद व्यक्ति सुधीर सांगवान ने सहयोगी सुखविंदर से मिलकर दी, जिस पर उसे सबसे ज़्यादा भरोसा करती थी। सुधीर सांगवान के ख़िलाफ़ कोई बात नहीं सुनना चाहती थी। उसके कामकाज की सभी तरह की डील वही करता था।

वह उसी भरोसेमंद सुधीर की बड़ी साज़िश में फँस चुकी थी और चाहकर भी नहीं निकल सकती थी। वह लगभग दो-तीन साल से ख़ौफ़ के साये में जी रही थी। लोकलाज के भय से उसने अपने को निजी सहायक सुधीर सांगवान के सुपुर्द कर दिया। जैसा वह कहता सोनाली को वैसा ही करना पड़ता था। वह दुनिया के सामने चाहे जितना बोल सकती थी; लेकिन सुधीर के सामने वह गूँगी गुडिय़ा से ज़्यादा नहीं थी। वो क्या राज़ है, जिसके चलते वेतन पाने वाला नौकर अपनी मालकिन को कठपुतली की तरह नचाने लगा और एक दिन उसकी डोर काट दी?

सोनाली के भाई रिंकु ढाका ने पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि सुधीर सांगवान ने सोनाली से दुष्कर्म के वीडियो बना रखे थे और उनकी आड़ में वह ब्लैकमेल करता आ रहा था। सवाल यह कि सुधीर ने ऐसा अश्लील और आपत्तिजनक वीडियो धोखे से बनाया और उसे वायरल कर उसे बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रहा था, तो सोनाली ने पुलिस में शिकायत क्यों नहीं की? अपनी ससुराल या मायके में इस ब्लैकमेल के बारे में कभी कुछ क्यों नहीं बताया? परिवार वाले सुधीर को अच्छा आदमी नहीं मानते थे, बावजूद इसके सोनाली उसे ठीक मानती थी। सोनाली के फोन भी सुधीर के पास ही रहते थे। वह जिससे चाहता बात कराता, जिसे नहीं चाहता, नहीं कराता। सोनाली की ज़िन्दगी अब पिंजरे में क़ैद बुलबुल जैसी हो गयी थी। यह सब सोनाली ने होने दिया और किसी को बताया नहीं यह उसकी ग़लती रही, जिसका ख़ामियाज़ा उसे अपनी मौत से चुकाना पड़ा। पहले पिता और अब माँ को खोने के बाद करोड़ों रुपये की सम्पत्ति की मालिकन बनी यशोधरा अकेले रह गयी है। हालाँकि ननिहाल और पिता के परिजन हैं; लेकिन उसकी ज़िन्दगी डगर कठिन ही रहेगी।

पहले धोखे से और फिर शायद आपसी सहमति से सुधीर के अश्लील वीडियो बनाने की बात सही हो सकती है, क्योंकि इसके बिना कोई ऐसा कारण नहीं कि नौकर मालिकन को अपने इशारे पर चला सके। करोड़ों की सम्पत्ति रखने वाली सोनाली संयुक्त परिवार में रहती थी। वह और उसकी वहन एक ही घर में ब्याही हुई है। सोनाली अपने ख़िलाफ़ साज़िश का ख़ुलासा कर सकती थी; लेकिन कभी इसकी हिम्मत नहीं जुटा सकी। गोवा में 22 अगस्त की रात उसने अपनी बहन को फोन कर अपने साथ कुछ अनहोनी होने की आशंका जतायी थी। उसने तीन दिन बात हिसार (हरियाणा) साज़िश का ख़ुलासा घर आकर करने की बात भी कही थी; लेकिन बात पूरी नहीं हो सकी और वही रात उसके लिए मनहूस साबित हुई। अगली सुबह उसकी मौत हो गयी।

ज़्यादातर आपराधिक घटनाओं के पीछे ज़र (धन-सोना) ज़ोरू (पत्नी) और ज़मीन कहीं न कहीं ज़रूर रहती है। इस घटना में इन तीनों को देखा जा सकता है। कहा भी जाता है कि जर, जोरू और ज़मीन ज़ोर की नहीं, तो किसी और की। यहाँ ज़ोर मतलब ताक़त से है और सुधीर सांगवान के पास यह थी। सोनाली के हिस्से में करोड़ों की ज़मीन भी थी। गुडग़ाँव में किराये के एक मकान के काग़ज़ातों में सुधीर ने सोनाली को पत्नी के रूप में दर्शाया भी है। सोनाली को भी इसकी जानकारी रही हो होगी; लेकिन उसने कभी इसका विरोध नहीं किया।

कुछ साल पहले सोनाली के पति संजय फोगाट की रहस्यमयी हालात में मौत हो गयी थी। इसे ख़ुदकुशी की घटना माना गया था। पति की मौत सोनाली के लिए गहरा धक्के जैसा था। आख़िर कब तक वह अकेलेपन में ज़िन्दगी व्यतीत करती? वह घरेलू महिला ज़रूर थी; लेकिन उसे लोगों में अपनी प्रतिभा दिखाने का जबरदस्त शौक़ था। उसने अपनी शुरुआत मीडिया से की और बाद में टिकटॉक वीडियो आदि के माध्यम से उसने अपने को उभारने की कोशिश की। सोशल मीडिया पर ग्लेमर्स वीडियो से उसकी आलोचना भी बहुत होती थी। हरियाणा जैसे पारम्परिक राज्य में जाट होने के नाते उसकी आलोचना भी होने लगी; लेकिन सोनाली ने उसकी कभी परवाह तक नहीं की। समुदाय में घूँघट की परम्परा को उसने निभाने से स्पष्ट मना कर दिया था। वह खुले विचारों की थी और मॉडलिंग आदि को ख़राब नहीं समझती थी। वीडियो, फ़िल्मों और शो आदि के माध्यम से उसे ख़ूब प्रचार मिला। इसके बाद उसने राजनीति को भी आजमाया और उन्हें पूरा सम्मान भी मिला। भाजपा महिला विंग में उन्हें अहम ज़िम्मेदारी दी गयी। हरियाणा में सन् 2019 में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें आदमपुर विधानसभा से टिकट दी; लेकिन वह कांग्रेस के कुलदीप बिश्नोई से हार गयी।

इससे कुछ समय पहले रोहतक के सुधीर सांगवान उनके पास पार्टी कार्यकर्ता के रूप में सामने आया। वह सोनाली की टीम के साथ जुड़ गया और धीरे-धीरे उसने अपनी जगह तैयार कर ली। उसने सोनाली के भरोसेमंद लोगों को किनारे लगाना शुरू कर दिया और वह निजी सहायक बन गया। सोनाली को ऐसे बाहुबली की ज़रूरत भी थी, जिसके संरक्षण में वह बिना डर के अपनी राजनीतिक सक्रियता जारी रख सके। सुधीर ने इसी का फ़ायदा उठाया, क्योंकि वह जानता था कि सोनाली को उस जैसे व्यक्ति की ही ज़रूरत है। धीरे-धीरे उसने मालकिन का पूरा कामकाज सँभाल लिया। अब वह कहने को निजी सहायक था; लेकिन सोनाली पर उसका पूरा नियंत्रण हो चुका था। एलएलबी पास सुधीर के पत्नी और बच्चे भी हैं; लेकिन वह कभी-कभार ही अपने घर जाया करता था। ज़्यादातर समय सोनाली के साथ ही रहता था। एक साज़िश के तहत उसने फार्म हाउस में रखे नौकरों और खाना आदि बनाने वालों को हटा दिया। सब कुछ वही देखने लगा और सोनाली के कभी इसका विरोध तक नहीं किया। सोनाली के हिस्से में खेती की महँगी ज़मीन के अलावा मकान और कई दुकानें भी आती हैं। उसकी पुश्तैनी सम्पत्ति भी करोड़ों में है। सन् 2019 के दौरान चुनाव आयोग में दिये शपथ-पत्र के मुताबिक, सोनाली के पास क़रीब 2.75 करोड़ की चल और अचल सम्पत्ति है।

सोनाली की मौत के पीछे सुधीर सांगवान का मक़सद सम्पत्ति हड़पने का ही था। सोनाली के 10 करोड़ रुपये से ज़्यादा के फार्म हाउस को 5,000 रुपये महीने लीज पर लेने के काग़ज़ भी उसने बना रखे थे। सुधीर ने सोनाली को पुरानी मर्सिडीज तोहफ़े में धी; लेकिन यह उसके नाम दिल्ली के पते पर पंजीकृत थी। यह पता भी ग़लत था और बाद में यह गाड़ी उसने कहाँ ग़ायब कर दी, पता ही नहीं चला। कोई भी गाड़ी सोनाली के नाम पर नही है। सुधीर का मक़सद सोनाली को धीम ज़हर देकर किनारे लगाना था; लेकिन इससे पहले वह महँगी सम्पत्ति अपने नाम करा लेना चाहता था। पुश्तैनी सम्पत्ति हड़पना तो मुश्किल था; लेकिन करोड़ों रुपये का निवेश करा उसने काफ़ी कुछ अपने नाम करा लिया होगा।

बिना किसी कार्यक्रम के सुधीर सांगवान सोनाली के साथ अपने सहयोगी सुखविंदर के साथ गोवा जाना, हरियाणा पुलिस के गनमैन का साथ न होना साज़िश का हिस्सा है। गोवा पहले भी ये लोग जाते रहे हैं; लेकिन इस बार मक़सद कुछ और रहा होगा। ड्रग्स देने तैयारी पहले से थी। इसके लिए सुधीर और सुखविंदर ने 12,000 में होटल के कर्मी दत्ता प्रसाद गांवकर से मेथामफेटाइन ख़रीदा। सोनाली की 22 अगस्त की रात की अपनी बहन के साथ हुई बातचीत को सुधीर ने सुन लिया होगा। उसे राज़ के पर्दाफ़ाश होने का ख़तरा था। कर्लिज रेस्तरां में डांस के दौरान सोनाली सहज नहीं थी। बावजूद इसके सुधीर सांगवान उसे जबरदस्ती बोतल से कुछ पेय पदार्थ पिलाते हुए नज़र आता है। दो घंटे से ज़्यादा समय तक सोनाली को बाथरूम में क्यों रहने दिया? उसे अस्पताल तभी ले जाया गया, जब उसकी मौत हो चुकी थी।

मौत की वजह अस्पष्ट
प्रतिबंधित मेथामफेटाइन (एमडीएमए) शरीर में उत्तेजना पैदा करती है। ज़्यादा सेवन शरीर के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को डैमेज करने से मौत हो सकती है। मौत की वजह फ़िलहाल यही है। अभी विसरा रिपोर्ट नहीं आयी है, उससे बहुत कुछ स्पष्ट हो सकेगा। हिसार के संतनगर घर और फार्म हाउस की सीसीटीवी फुटेज से कई राज़ खुलेंगे। सुधीर ने पुलिस जाँच में सोनाली के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने की बात कही है। सहमति और असहमति के बीच क्या कुछ हुआ? यह पुलिस जाँच से स्पष्ट होगा। निजी सहायक का चौबीसों घेटे मालिकन के पास रहना बहुत कुछ संकेत करता है। करोड़़ों रुपये की सम्पत्ति के काग़ज़ात, एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन, गाडिय़ों की चाबियाँ निजी सहायक के पास रहना बताता है कि वह सोनाली के लिए कितना भरोसेमंद व्यक्ति था? अभी लाखों-करोड़ों रुपये के लेन-देन का भी ख़ुलासा होगा। मौत को लेकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी स्पष्ट नहीं है।