सेकुलरिज्म और सौहार्द राजनीतिक फैशन नहीं, जुनून है : नक़वी

केंद्रीय मंत्री ने मुसलमानों से घर में रहकर रोज़े रखने की दी सलाह

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने 21 अप्रैल को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सेकुलरिज्म और सौहार्द भारत और भारतवासियों के लिए राजनीतिक फैशन नहीं, बल्कि जुनून और जज़्बा है। उन्होंने कहा कि इसी समावेशी संस्कार और मज़बूत प्रतिबद्धता ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र (भारत) को विविधताओं के बावजूद एकता के सूत्र में बाँध रखा है।
नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यकों सहित देश के सभी नागरिकों के संवैधानिक, सामाजिक, धार्मिक अधिकार भारत की संवैधानिक एवं नैतिक गारंटी है। किसी भी हालत में हमारी अनेकता में एकता की ताक़त कमज़ोर नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि यहाँ दुष्प्रचार की साज़िशें में अभी भी सक्रीय हैं। लेकिन हमें सतर्क और एकजुट होकर ऐसी ताक़तों और उनके दुष्प्रचार को हराना होगा।
नकवी ने कहा कि फ़र्ज़ी ख़बरों, भड़काऊ बातों और अफ़वाह फैलाने वालों की साज़िशों से हमें होशियार रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के नागरिक कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ जंग लड़ रहे हैं। हम सबको कोरोना के ख़िलाफ़ देश की सामूहिक जंग को कमज़ोर नहीं होने देना है और साज़िशों को नाकाम करना है।
इसके साथ-साथ केंद्रीय मंत्री ने सभी मुसलमानों द्वारा पवित्र रमज़ान के महीने के नियमों का घर में रहकर पालन करने की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि देश के सभी मुस्लिम धर्म गुरुओं, इमामों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों एवं भारतीय मुस्लिम समाज ने संयुक्त रूप से 24 अप्रैल से शुरू हो रहे रमज़ान के पवित्र महीने में घरों पर ही रह कर इबादत, इफ़्तार एवं अन्य धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करने का निर्णय लिया है। नकवी ने कहा कि कोरोना के कहर के कारण रमजान के पवित्र महीने में धार्मिक, सार्वजनिक, व्यक्तिगत स्थलों पर लॉकडाउन, कर्फ्यू, सोशल डिस्टेंसिंग का प्रभावी ढंग से पालन करने एवं लोगों को अपने-अपने घरों पर ही रह कर इबादत आदि के लिए जागरूक करने के लिए देश के 30 से ज़्यादा राज्य वक़्फ़ बोर्डों ने मुस्लिम धर्म गुरुओं, इमामों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों, मुस्लिम समाज एवं स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम शुरू कर दिया है। विदित हो कि देश के विभिन्न वक़्फ़ बोर्डों के अंतर्गत सात लाख से ज़्यादा पंजीकृत मस्जिदें, ईदगाह, दरगाह, इमामबाड़े एवं अन्य धार्मिक-सामाजिक स्थल हैं। सेंट्रल वक़्फ़ कौंसिल, राज्यों के वक़्फ़ बोर्डों की रेगुलेटरी बॉडी (नियामक संस्था) है।
नकवी ने कहा कि कोरोना की चुनौतियों के मद्देनज़र देश के सभी मंदिरों, गुरुद्वारों, चर्चों एवं अन्य धार्मिक-सामाजिक स्थलों पर भीड़-भाड़ वाली सभी धार्मिक-सामाजिक गतिविधियाँ रुकी हुई हैं। इसी तरह दुनिया के अधिकांश मुस्लिम राष्ट्रों ने भी माहे रमजान में मस्जिदों एवं अन्य धार्मिक स्थलों पर भीड़-भाड़ वाली गतिविधियों पर रोक लगा रखी है एवं नमाज, इफ़्तार एवं अन्य धार्मिक कर्तव्य घरों पर ही रह कर पूरा करने के निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने उम्मीद जतायी कि सभी मुस्लिम घर में रहकर ही इन निर्देशों का पालन करेंगे।