सेंसर के जाल में निहलानी

पहलाज निहलानी को अपने कार्यकाल के दौरान सेंसरबोर्ड को भारतीय संस्कारी बनाने की ऐसी धुन सवार थी कि उन्होंने विश्व प्रसिद्ध अंग्रेज किरदार 007 को भी नहीं बख्शा और बेचारे जेम्स बांड को भी संस्कारी बनना पड़ा था। अब जबकि निहलानी के पास सेंसर बोर्ड के चीफ की कुर्सी नहीं है तो उन्हें अपनी फिल्म ‘रंगीला राजा’ के लिए नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं।

गोविंदा अभिनीत उनकी फिन्म ‘रंगीला राजा’ विजय माल्या से प्रेरित बताई जा रही है और इस फिल्म को सेंसर ने 20 कट दिए हैं। सेंसर बोर्ड के इस फैसले से नाराज़ निहलानी बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचे और फिल्म को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की मांग की। हालांकि उनको आशा है कि कोर्ट फिल्म को देरी से प्रदर्शित होने से प्रोडयूसर को होने वाले नुकसान के मद्देनजऱ फास्ट कार्रवाई करेगा। लेकिन अब सुनवाई रेगुलर कोर्ट में 19 नवंबर को होगी। यह निहलानी के लिए एक बड़े झटके से कम नहीं है।

दरअसल यह सब एक साजिश है मेरे खिलाफ। मेरी फिल्म एक साफ सुथरी पारिवारिक फिल्म है। सेंसर बोर्ड ने जो कट दिए हैं, वह सेंसर बोर्ड की गाइड लाइंस का उल्लंघन है। ” इस धरती पर जब जब रावण सीता का हरण करता है तब तब राम का साथ निभाने के लिए हनुमान आएगा। इसमें सेंसर बोर्ड को आपत्ति है, भला क्यों?

एक दूसरा सीन है हस्बैंड अपनी वाइफ को थप्पड़ मारते हुए कहता है ” मैं तो राम था ही नहीं। मगर तू तो सीता थी’’। उनका कहना है कि मैं महिलाओं के खिलाफ हिंसा दिखा रहा हूं। ऐसे जितने भी कट सेंसर बोर्ड ने सुझाएं है। सब बेहूदा हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि ऑनरेबल कोर्ट से मुझे न्याय मिलेगा ही।

सेंसर बोर्ड में जो नए अफसर हैं वो राजनीतिक पार्टियों के हैं। उन्हें फिल्म देखने का क्या तजुर्बा है? वीरे दी वेडिंग, स्त्री, मनमर्जियां जैसी फिल्में पास हो जाती हैं। मेरी फिल्म पर तकलीफ हो जाती है। यह सब दोस्ती का जलवा है। आमिर खान और प्रसून जोशी की दोस्ती है। मेरी फिल्म ‘रंगीला राजा’ के 20 दिन बाद उन्होंने ‘ ठग्स ऑफ हिन्दुस्तान’ की स्क्रीनिंग के लिए अप्लाई किया गया था लेकिन उनकी फिल्म पहले देखी गई। आठ नवंबर को मेरी फिल्म रिलीज़ होनी थी। फिर यह 16 नवंबर को रिलीज़ होने वाली थी अब कोर्ट ने सुनवाई की तारीख दी है 19 नवंबर। यह सब जो भी हुआ बदले की भावना से।

दरअसल जब मैं सेेंसर बोर्ड का अध्यक्ष था तब मुझ पर काफी दबाव हुआ करता था। मैं उनकी बेहूदा बातों को नजऱ अंदाज करता था। मैं फिल्म इंडस्ट्री का आदमी था और मेरी प्राथमिकता बॉलीवुड की भलाई रहती थी। सब खफा हैं, अपसेट हैं और अब मेरी फिल्म पर अपनी खिन्नता निकाल रहे हैं।