सुषमा स्वराज का निधन

दिग्गज भाजपा नेता सुषमा स्वराज का निधन हो गया है। उनका निधन रात करीब ११. ०५ बजे एम्स में हुआ। उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें एम्स में भर्ती किया  गया था। उनका कुछ महीने पहले किडनी का ट्रांसप्लांट भी हुआ था।  सुषमा ने लोक सभा का चुनाव नहीं लड़ा था। भाजपा के तम्माम बड़े नेता एम्स पहुँच रहे हैं। उनके निधन पर शोक जताया गया है।

सौम्या चेहरे वाली सुषमा का जाना भारतीय राजनीति का एक बड़ा नुक्सान है। उनके निधन कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर उनके निधन पर गहरा शोक जताया है। सुषमा स्वराज का जन्म १४ फरवरी, १९५२ को हरदेव शर्मा और लक्ष्मी देवी के घर  अंबाला छावनी में हुआ था।  पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक प्रतिष्ठित सदस्य थे। इन्होंने राजनीति विज्ञान और संस्कृत जैसे प्रमुख विषयों से अंबाला छावनी के एसडी कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। सुषमा स्वराज ने चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय के कानून विभाग से एलएलबी की डिग्री हासिल की। १९७० में इन्होंने, अंबाला छावनी के एसडी कॉलेज से सर्वश्रेष्ठ छात्रा का पुरस्कार प्राप्त किया।

वे १९७७-१९८२ और १९८७-१९९९ के दौरान दो बार हरियाणा से और १९९८ में एक बार दिल्ली से विधायक बनीं। अक्टूबर १९९८ में इन्होंने दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री का पद संभाला। १९७७ में सुषमा स्वराज सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनीं, उस समय उनकी आयु २५ वर्ष थी। १९९६ में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में तेरह दिन की सरकार के दौरान, इन्होंने सूचना और प्रसारण की केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में लोकसभा वार्ता के लाइव प्रसारण का एक क्रांतिकारी कदम उठाया था। वर्तमान में सुषमा स्वराज भारतीय जनता पार्टी की अखिल भारतीय सचिव के साथ साथ पार्टी की आधिकारिक प्रवक्ता भी हैं।

सुषमा की रुचि शास्त्रीय संगीत, कविता, ललित कला और नाटक में भी थी। इन्हें कविता और साहित्य पढ़ना भी अच्छा लगता था। सुषमा स्वराज को लगातार तीन वर्षों तक एसडी कॉलेज के एनसीसी की सर्वश्रेष्ठ सैनिक छात्रा घोषित किया गया। हरियाणा के भाषा विभाग द्वारा आयोजित एक राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में उन्हें लगातार तीन वर्षों तक सर्वश्रेष्ठ हिंदी वक्ता पुरस्कार प्रदान किया गया। वह ए.सी. बाली मेमोरियल घोषणा प्रतियोगिता में पंजाब विश्वविद्यालय की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वक्ता बन गईं। उन्होंने भाषण प्रतियोगिताओं, वाद विवाद प्रतियोगिताओं, नाटकों और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में कई पुरस्कार जीते हैं। वह चार साल तक  राज्य के हिंदी साहित्य सम्मेलन की अध्यक्षा भी रहीं।

सुषमा स्वराज ने १३ जुलाई, १९७५ को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ वकील  स्वराज कौशल, जो कि एक क्रिमिनल लॉयर हैं, से विवाह किया। स्वराज कौशल १९९० में देश के सबसे कम उम्र के राज्यपाल बने थे। 1990 से 1993 के दौरान श्री स्वराज कौशल ने मिजोरम के राज्यपाल के रूप में सेवा की। 1998 से 2004 तक, वे संसद सदस्य रहे। स्वराज दम्पत्ति की एक पुत्री है जिनका नाम बांसुरी है, जिन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक किया है और इस समय लंदन के इनर टेम्पल में वकालत कर रही हैं।

नई पीढ़ी की नेता मानी जाने वाली सुषमा स्वराज ने भारतीय राजनीति में अपनी शुरुआत वर्ष 1970 में छात्र नेता के रूप में की थी। इन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन आयोजित किए थे। वह एक आसाधारण वक्ता और प्रचारक हैं, जिन्होंने जनता पार्टी में शामिल होने के बाद आपातकाल के विरोध में सक्रिय रूप से भाग लिया था। भारतीय राजनीति में इनकी भूमिका ने इन्हें पहले दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और बाद में विपक्ष की पहली महिला नेता का पद दिलाया। इन्होंने हरियाणा में महज़ २७ साल की उम्र में ही जनता पार्टी की राज्य अध्यक्षा का पद संभाला था।
साल 1979 में, 27 साल की उम्र में, वह हरियाणा में जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनीं। सुषमा स्वराज को राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता होने का गौरव प्राप्त है। वह पहली महिला मुख्यमंत्री भी हैं। वह पहली महिला केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी हैं। सुषमा स्वराज विपक्ष की पहली महिला नेता भी हैं। सुषमा स्वराज का राजनीतिक सफर सुषमा स्वराज चार साल तक जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्या रह चुकी हैं।