सुप्रीम कोर्ट ने लाल किला ब्लास्ट दोषी पाकिस्तानी आतंकी अशफाक की मौत की सजा बरकरार रखी

सर्वोच्च न्यायालय ने लाल किले पर हमले के दोषी पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद आरिफ उर्फ़ अशफाक की फांसी की सजा को बरकरार रखते हुए उसकी इस मामले में पहले के सर्वोच्च अदालत के फैसले पर डाली पुनर्विचार याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई ख़त्म करते हुए यह फैसला सुनाया है। लाल किले पर हमले की यह घटना साल 2000 की है। अशफाक लाल किले में सेना की बैरक पर हमले का दोषी है। वह एलईटी का आतंकी है।

याद रहे 2019 में सर्वोच्च अदालत की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने पाकिस्तानी नागरिक आरिफ की उस याचिका को मंजूर कर लिया था जिसमें उसने ओपन कोर्ट में उसकी पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की मांग की थी।

इसे पहले साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने आरिफ की फांसी की सजा को बरकरार रखा था। इसके बाद 2014 में सर्वोच्च अदालत ने अशफाक की क्यूरेटिव याचिका भी खारिज कर दी थी। अब उसकी पुनर्विचार याचिका को भी खारिज कर दिया गया है।