सीतारमण के पिटारे से राहत की उम्मीद लगाए बैठी है आम जनता

मंत्रिमंडल ने मंगलवार सुबह केंद्रीय बजट को मंजूरी दे दी। अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे संसद में 2022-23 आम बजट पेश करेंगी। इस बीच सेंसेक्स आज सुबह 850 अंकों के साथ ऊपर गया है। आम जनता से लेकर उद्योग जगत सरकार से  बड़ी राहतों की उम्मीद कर रहा है। पांच राज्यों में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव देखते हुए इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि सरकार लोकलुभावन बजट लाए।

सीतारमण का बतौर वित्त मंत्री यह चौथा बजट है। महामारी के सर्विस सेक्टर पर असर को देखते हुए उसे राहत की बड़ी उम्मीद है। खासकर आयकर में छूट की सीमा कम से कम दो लाख होने की उम्मीद वह लगाए बैठा है। सर्विस सेक्टर देश की जीडीपी का बड़ा हिस्सा है, लिहाजा देखना दिलचस्प होगा कि कम से कम चुनाव को  ही, वित्त मंत्री इस सेक्टर को राहत दें।

आर्थिक सर्वे में जिस तरह जीडीपी 8 से 8.30 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है उससे तो यही संकेत मिलता है कि देश की अर्थव्यवस्था पटड़ी पर लौटने की दिशा में है। हालांकि, कोविड का नए नए रूपों में सामने आना अर्थव्यवस्था के सुधार के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ है। ऐसे में सरकार के लिए बड़ी राहतें देना उतना आसान भी नहीं है।

हाल के किसान आंदोलन और किसानों की भाजपा के प्रति नाराजगी को देखते हुए सरकार इस क्षेत्र को राहत दे सकती है। जानकारों का कहना है सीतारमण हर क्षेत्र की जरूरतों का बजट में रखेंगी और यह समावेशी बजट हो सकता है। खासकर, किसानों की नाराजगी देखते हुए सरकार उन्हें किसी जरिये से खुश करने की कोशिश कर सकती है।

उद्योग जगत भी वित्त मंत्री से बड़ी उम्मीद कर रहा है। कोविड से पस्त हुआ एमएसएमई सबसे ज्यादा राहत की ज़रुरत महसूस कर रहा है। छोटे उद्योग कोविड की मार सह रहे हैं। उन्हें लगता है कि सरकार ने दया नहीं दिखाई तो उनकी हालत और खराब हो जाएगी।

वैसे हर बजट के बाद कुछ चीजें महंगी हो जाती हैं जबकि कुछ सस्‍ती हो जाती हैं।   कोरोना की मार में अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूती देना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। महंगाई से जनता त्रस्त है, लिहाजा उसे राहत नहीं मिली तो इसका राजनीतिक नुकसान चुनाव में हो सकता है।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में काफी बढ़ौतरी हाल के महीनों में हुई है। सरकार उत्पाद शुल्क में कटौती करके राहत का रास्ता निकाल सकती है। एलपीजी गैस सिलेंडर पहले से काफी महंगा हुआ है। इसका कारण उसपर सब्सिडी कम करना है। जनता को उम्मीद है कि इसमें उसे राहत मिले।