सीएए पर प्रधानमंत्री ने दिया स्पष्टीकरण

दिल्ली में विधानसभा चुनाव को देखते हुए लगभग सभी पाॢटयों के नेता दिल्ली के वोटरों को लुभाने लगे हैं। गत वर्ष 22 दिसंबर को रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंसक प्रदर्शन के बीच सीएए और एनसीआर पर स्पष्टीकरण देते हुए दिल्ली के लोगों को साधने का प्रयास किया। प्रस्तुत है राजीव दुबे की रिपोर्ट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने चिरपरिचित अंदाज़ में दिल्ली के राम लीला मैदान से भाजपा की धन्यवाद रैली में एक तीर से निशाना साधते हुए कांग्रेस और विपक्षी पाटियों पर ज़ोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि विपक्षी वोट बैंक राजनीति न करें; अराजकता और हिंसा को बढ़ावा न दें।

रैली में प्रधानमंत्री मोदी के 99 मिनट के भाषण में एक साथ कई बातों का ज़िाक्र किया। उन्होंने कहा कि जो भी देश में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद अराजकता, हिंसा और आगजनी हुई है। उसके लिए सीधे तौर पर कांग्रेस पार्टी और विपक्षी पार्टियाँ ज़िाम्मेदार हैं। हालाँकि, उन्होंने इस मंच से 130 करोड़ देशवासियों और खासकर मुस्लिमों से साफतौर पर कहा कि इस नागरिकता संशोधन कानून से किसी को कोई नुकसान नहीं है और न ही अभी एनआरसी कानून को लेकर सरकार के पास रूपरेखा तैयार है, तो फिर एनसीआर के नाम पर डरने और भय को लेकर अशान्ति क्यों है? रैली में लगभग एक लाख की भीड़ मेें प्रधानमंत्री ने दिल्लीवासियों को, खासकर जो अनधिकृत कॉलोनियों में भय और चिन्ता के साथ रह रहे हैं, उनसे कहा कि अब वे अपने मकान की रजिस्टी करवाये और अपने मकान में रहे। जो मध्यम और गरीब लोगों के लिए सबसे ज़रूरी है।

नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्होंने इसी साल मार्च में अनधिकृत कॉलोनियों के काम को खुद सँभाला था। जिसकी प्रक्रिया अक्टूबर-नवम्बर में पूरी हुई थी फिर लोकसभा और राज्यसभा मेंं अनधिकृत कॉलोनियों को लेकर  बिल पास करवाया। जो भी दिक्कत थी उस समस्या का समाधान कर दिया। उन्होंने अनधिकृत कॉलोनियों के लिए दिल्ली सरकार और कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि ये दोनों पाटियाँ चुनाव आते ही कॉलोनियों को पक्का करने जैसे वादा करती आ रही है। परन्तु भाजपा सरकार ने मामले को न तो लटकाया और अटकाया सीधा काम कर दिया, जिससे गरीब अब अपने मकान में निश्चिंता के साथ मामूली से दामों में रजिस्ट्री करा कर रह सकें। 17,00 से अधिक कॉलोनियों को नियमित किये जाने का काम  पूरा किया जा चुका है, जिसमें 12,00 कॉलोनियों के नक्शे जो पास हो चुके हैं जो पोर्टल में है। भाजपा ने कॉलोनियों के नाम पर राजनीति नहीं की है। जो कांग्रेस सालोंसाल से करती आ रही थी।

दिल्ली सरकार के रवैया और उनकी ओछी राजनीति पर मोदी ने कहा कि दिल्ली में दूषित पानी की वजह से दिल्ली वालों को बाज़ार से महँगा पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। वाटर प्यूरीफाई लगवाना पड़ रहा है। दिल्ली में विकास कार्य ठप्प पड़े है और आयुष्मान योजना को लागू नहीं किया है, जबकि अन्य राज्यों ने लागू कर गरीबों को इलाज में काफी लाभ मिला है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि धर्म, आस्था के साथ-साथ किसी की भी जाति जाने बिना काम किया है। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना, पक्के मकान और आयुष्मान योजना का लाभ सभी देशवासियों को मिला तो फिर ऐसे में बँटवारा करने वालों की राजनीति करने वाले को शर्म आनी चाहिए। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर किसी की धर्म और जाति के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है; क्योंकि ये नागरिकता संशोधन कानून नागरिकता देने वाला है, न कि छीनने वाला है।  उन्होंने राज्य सभा और लोकसभा के सभी सांसदों को सलाम करते हुए कहा कि इस कानून को बनाने में उनको धन्यवाद करता हूं। लेकिन कांग्रेस व विरोधी दल अफवाह फैलाकर लोगों की भावनाएँ भडक़ा रहे हैं और कह रहे हैं कि मुस्लिमों को अब कागज़ दिखाने होगे और भारतीय होने का सबूत देना होगा। पर वो भारतीय मुस्लिमों को आश्वासन देते हैं कि जिनके पुरखे यहाँ रह रहे हैं, उनको कोई दिक्कत ना होगी।

पुलिस को सलाम किया

पुलिस वालों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि जब भी समाज और देश की आंतरिक सुरक्षा पर कोई दिक्कत आती है, तो पुलिस अपनी जान पर खेलकर लोगों की सुरक्षा करती है। लेकिन आज देश में अराजक तत्त्व और भडक़े लोग पुलिस पर हमला कर रहे हैं, जो शर्मनाक है। क्योंकि 33 हज़ार पुलिसकर्मी लोगों की सुरक्षा करते हुए शहीद हो चुके हैं। देश की सुरक्षा में पुलिस दिन-रात सर्दी और बरसात को बिना देखा काम करते हैं। लेकिन आज कुछ राजनीतिक दल अपने वोट बैंक लिए परदे के पीछे बैठकर लोगों को भडक़ा रहे हैं, जिसके कारण पुलिस वालों पर पत्थरों से हमले किये जा रहे हैं। पुलिस लहूलुहान हो रही है।

एनआरसी पर फैलाया जा रहा झूठ

नरेन्द्र मोदी ने कहा कि एनआरसी पर कोई चर्चा नहीं है। न तो कैबिनेट में और न ही संसद में इसकी कोई रूपरेखा तैयार है। तो ऐसे में लोगों को भडक़ाकर कांग्रेस पार्टी भय का माहौल बना रही है। उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया गया है। अरवन नक्सलियों को आड़े हाथों लिया और कहा कि ये लोग  बुद्विमान और पढ़े लिखे लोगों में शामिल हैं, जो डराने और भय का माहौल बनाने में लगे है और कह रहे कि डिटेंशन सेंटरों में एन आरसीलागू होने के बाद रखा जाएगा, जब कि डिटेंशन सेन्टर नाम का कोई सेन्टर नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन लोगों से कहना चाहते हैं कि पहले पढ़े तब जानकारी हासिल करें, जिससे लोगों को सही जानकारी मिल सकें।

नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर दलित नेता भी अपनी राजनीति कर रहे हैं, जबकि उनको समझना और जानना चाहिए कि पाकिस्तान से जो दलित लोग वर्षों पहले प्रताडि़त होकर आये थे, उनको यहाँ की नागरिकता मिलेगी। पाकिस्तान में दलित बँधुआ मज़दूर थे ऐसे में दलित नेता जो राजनीति कर रहे हैं।

घुसपैठिया और शरणार्थी के बीच अन्तर को बताते हुए कहा कि पड़ोसी देश से प्रताडि़त होकर जो भी आया है या आ रहा है वो सबसे पहले सरकारी कार्यालय में जाकर बताता है कि वो भारत में शरण लेने आया है; उसकी मदद करो। जबकि घुसपैठिया चुपचाप किसी कोने में छिपकर रहता है और अपनी जानकारी को छिपाकर रखता और किसी एजेंट के माध्यम से काम करता है और उसकी एवज़ में कुछ कमाई का हिस्सा देता है। ऐसे में घुयपैठियों को भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं है। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि महात्मा गाँधी का देश है। हम उनको मानते हैं। माहात्मा गाँधी ने कहा था कि जब भी कोई हिन्दू या सिख भारत देश में वापस आना चाहे, तो उसका स्वागत होना चाहिए। गाँधी जी ने देश के विभाजन के समय जो कहा था, उसको भाजपा और एनडीए सरकार पूरा कर रही है। ऐसे में कांग्रेस को न जाने क्यों दिक्कत हो रही है?

प्रधानमंत्री ने क्रमश: उन नेताओं को बातें याद करायी, जिन्होंने कभी संसद में कहीं थी। कांग्रेस पार्टी के नेता व पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, असम के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के नेता तरुण गोगोई और राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी और वांमपंथी पार्टी का ज़िाक्र किया, जो समाप्त होती जा रही है। उन्होंने कम्युनिस्ट नेता प्रकाश करात की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक दौर था, जब ये नेता संसद में पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की बात करते थे। लेकिन आज ऐसा क्या हो गया कि उनको मोदी द्वारा किये जा रहे काम और नागरिकता संशोधन कानून से दिक्कत आ रही है। ये समझ से बाहर है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री ये कह रहे हैं कि वे इस कानून को नहीं मानने वाले हैं; मैं उनसे कहना चाहूँगा कि वे अपने वकीलों से और अटार्नी जनरल से कानून की जानकारी हासिल कर लें। नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनको हर हाल में कानून को मानना होगा।

इस मौके पर दिल्ली के सातों सांसदों और तीन केन्द्रीय मंत्रियों ने रैली को सम्बोधित किया। जिसमें केन्द्रीय शहरीय विकास मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों के नाम पर दिल्ली सरकार और कांग्रेस ने लोगों को ठगा है। पर भाजपा की केन्द्र सरकार ने अनधिकृत कॉलोनियों का पक्का कर मालिकाना हक देने का काम किया है। केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दिल्ली में विधानसभा के चुनाव में भाजपा की सरकार बनने के बाद जो विकास कार्य अधूरे हैं, उनको पूरा किया जाएगा। उन्होंने दिल्ली में भाजपा की सरकार बनवाने के लिए लोगों से अपील की है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षबर्धन ने कहा कि भाजपा जो वादा करती है उसको हर हाल में पूरा करती है। रैली में पहुचे भाजपा नेता डॉ. एम.सी. शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नीति और नीयत पर किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए; क्योंकि नरेन्द्र मोदी देश के लिए काम कर रहे हैं। उनका नारा ही सबका साथ सबका विकास उसी का सबको लाभ मिल रहा है। भाजपा नेता व िफल्म बोर्ड के सदस्य राजकुमार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर जो भी हिंसा की जा रही है, उस पर साफ कर दिया है कि यह कानून से किसी भी धर्म के लोगों को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं है।

नागरिकता संशोधन कानून सीएए को लेकर जो देश में आगजनी और हिंसा जैसी वारदात सामने आयी हैं, उसके पीछे जो तंज कसे गये हैं, उसका रंज हिंसा के रूप में देखने को मिला। जैसे संसद में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि घुसपैठिये देश में दीमक की तरह फैल गये हैं, उनको भगाना होगा और फिर कहा कि एनआरसी कानून को हर हाल में लागू किया जाए जैसा असम किया गया है, वैसा भी पूरे देश में होगा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी चुनावी सभा झारखंड में कहा कि विरोधी दल तो पाकिस्तानी लोगों को नागरिकता देने चाहते हैं। ऐसी बातों से देश के मुस्लिमों यह मैसेज गया कि नागरिकता संशोधन कानून में गैर-मुस्लिमों को नागरिकता देने की बात कहीं गयी है। इन बातों से गुस्सा में आकर विरोध-प्रदर्शन किया गया। अगर सीएए और एनआरसी को लेकर लोगों को बीच जो भी भ्रांतियाँ हैं, उनको आसानी से समझाने में सफल हो जाती, तो देश में जो भी हंगामा हुआ है, वह शायद नहीं होता। देश में सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध और समर्थन को लेकर आमने सामने की स्थिति जो स्थिति बन रही है या बनायी जा रही है अगर इसको समय रहते काबू नहीं पाया गया, तो भयावह परिणाम सामने आ सकते हैं; क्योंकि देश के कई हिस्सों में ये नज़ारे देखे गये हैं।