साइबर अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई, आठ गिरफ्तार

देश में कोरोना काल में आॅनलाइन ट्रांजेक्शन बढ़ा है तो इससे खतरे भी बढ़ गए हैं। आए दिन किसी के खाते से या मोबाइल में धोखाधड़ी के करके लाखों की कमाई को सेकंडों में साइबर ठग उड़ा देते हैं। अब केंद्र सरकार ने साइबर अपराधियों के खिलाफ व्यापक अभियान छेड़ा है। देश के 18 राज्यों में सक्रिय साइबर ठगों के बड़े गिरोहों का पर्दाफाश किया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की साइबर सुरक्षा इकाई के साथ मिलकर कई राज्यों की पुलिस, फिनटेक यानी वित्तीय तकनीक कंपनियों और जांच एजेंसियों ने ऐसे 300 से ज्यादा ठगों की पहचान की है। इसी मामले में लिप्त आठ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। आरोपियों के पास से 300 से ज्यादा मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। इन आरोपियों के 100 से ज्यादा बैंक खाते सीज कर दिए गए हैं जिनमें संदिग्ध लेनदेन किया गया था। इसके साथ ही साइबर सुरक्षा यूनिट 900 मोबाइल फोन, 1,000 बैंक अकाउंट और सैकड़ों यूपीआई आईडी की पड़ताल कर रही है।

कई राज्यों में फैले गिरोह के सदस्य अलग-अलग भूमिका निभाते थे, जिससे किसी एक राज्य की पुलिस के लिए पूरी साजिश का पर्दाफाश करना मुश्किल हो जाता था। यह एक जगह टिककर काम नहीं करते थे, बल्कि अपना ठिकाना बदलते रहते थे या कहें कि वहां पर नई टीम तैयार कर लेते थे। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गिरोह के सदस्यों के बीच ओटीपी फ्राॅड, क्रेडिट कार्ड फर्जीवाड़ा और फर्जी पते से हासिल सिम व अन्य कागजात भी जब्त किए गए हैं।

11 जून को साइबर सेफ वेबसाइट पर मिली एक शिकायत के आधार पर इस गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। राजस्थान के उदयपुर निवासी 78 साल के बुजुर्ग ने साइबरसेफ पर 6.5 लाख रुपये की ठगी की शिकायत की थी। कुछ देर में ही पता चल गया कि उनके खाते से उड़ाए गए पैसे भारतीय स्टेट बैंक के तीन कार्ड में जमा कराए गए हैं। इसी रकम से आॅनलाइन शाॅपिंग हब फ्लिपकार्ट पर 33 मंहगे मोबाइल फोन भी खरीद डाले गए। पड़ताल में पता चला कि ये महंगे मोबाइल फोन मध्य प्रदेश के बालाघाट में डिलीवर भी कर दिए गए।

मामला साइबर सेल के पास पहुंचने के बाद बालाघाट पुलिस को पहले ही अलर्ट कर दियाग या था। इससे वहां के एसपी ने आरोपी हुकुम सिंह बिसेन को हिरासत में लेकर सभी सभी 33 मोबाइल फोन भी बरामद कर लिए। ऐसे ही अन्य मामले देश के कई हिस्सों से सामने आए जिनमें किसी बड़े गिरोह का कारनामा दिखा। बालाघाट से हुकुम सिंह बिसेन समेत दो लोगों और झारखंड से संजय महतो समेत चार लोगों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मामले में 350 से ज्यादा तकनीकी में जानकार लोगों से पूछताछ और जांच पड़ताल की जा रही है।