ससुर, साला और जीजा

राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ में शपथ ग्रहण १७ को

सचिन पायलट शुक्रवार को एक अनोखा रेकार्ड बनाते-बनाते रह गए। वे यदि मुख्यमंत्री बन गए होते तो देश की राजनीति में यह सम्भवता पहली बार होता कि एक परिवार के तीन लोग मुख्यमंत्री का पद हासिल करते। इसके बावजूद सम्भवता यह एक रेकार्ड है कि एक परिवार में दो लोग सीएम हुए और एक उप मुख्यमंत्री।
सचिन पायलट जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नैशनल कांफ्रेंस के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला के जमाई हैं। फारूक की बेटी साराह सचिन की पत्नी हैं और उनका प्रेम विवाह २००४ में हुआ।
फारूक १९८२ से १९८४, १९८६ से १९९०, १९९६ से २००२ तक तीन बार जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे। वे २००९ से २०१४ तक केंद्र में भी मंत्री रहे।
उनके (फारूक) पुत्र यानी सचिन पायलट के साले उमर अब्दुल्ला २००९ से २०१५ तक जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे। दिलचस्प यह है कि उमर जिस सरकार में मुख्यमंत्री रहे उसमें उनकी पार्टी एनसी की सरकार में भागीदार कांग्रेस थी। उमर इसके अलावा २००१ से २००२ तक अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में विदेश राज्य मंत्री भी रहे।
अब बात सचिन पायलट की। सचिन अभी उप मुख्यमंत्री पद के लिए मनोनीत हुए हैं और १७ दिसंबर को उनकी शपथ होनी है। यदि वे मुख्यमंत्री हो जाते तो अपने ससुर और साले के बाद परिवार के तीसरे सदस्य होते।
जैसे ही राहुल गांधी ने राजस्थान के सीएम का मसला हल होने के बाद ट्वीटर पर गहलोत और सचिन के साथ अपनी फोटो अपलोड कर यह लिखा ”द  यूनाइटेड कलर्स आफ राजस्थान”, सचिन के साले उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट का जवाब दिया – इट्स डन, सो हू इज इट? इसके बाद जब साफ़ हुआ की गहलोत सीएम और सचिन डिप्टी सीएम होंगे तो उमर ने बधाई वाला ट्वीट किया – गहलोतजी और सचिनजी को बधाई।
मुख्यमंत्री पद का दावेदार होने के बावजूद सचिन जब उप मुख्यमंत्री बनाये गए तो भी वे बहुत तनावमुक्त दिखे। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा आज एक की जगह दो-दो करोड़पति हो गए। यह भी कहा – ” राजस्थान में मेरा और गहलोतजी का जादू चल गया।”
”तहलका ऑनलाइन” ने नतीजे आने के बाद अपनी १२ दिसंबर की रिपोर्ट में ही यह खुलासा कर दिया था कि पार्टी ने गहलोत और कमलनाथ को सीएम बनाने का फैसला वर्तमान राजनीतिक हालात के मद्देनजर कर लिया है और सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया को उप मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है। यह एक ”समझौता फार्मूला” था। सचिन इसके लिए मान गए। सिंधिया ने कमलनाथ का नाम पहले ही खुद सीएम पद के लिए  प्रस्तावित कर दिया था।
”तहलका” की जानकारी है कि अगले लोक सभा चुनाव के बाद राजनीतिक परिदृश्य के हिसाब से इन दोनों सूबों में युवा तुर्कों को मुख्यमंत्री बनाने का रास्ता खुला है। अशोक गहलोत तीसरी बार राज्य का मुख्यमंत्री बनने वाले हैं। अभी राहुल को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का फैसला करना है। वहां तीन नेता सीएम पद की दौड़ में हैं।
राजस्थान में अशोक गहलोत सुबह १०.३० बजे, मध्य प्रदेश में कमलनाथ दोपहर १.३० बजे और छत्तीसगढ़ के होने वाले मुख्यमंत्री शाम ४.३० बजे  सोमवार को शपथ लेंगे।