सवर्णों का भारत बंद

कुछ जगह हिंसा की ख़बरें, मिला जुला असर

मोदी सरकार के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटते हुए एससी/एसटी क़ानून  में संशोधन के खिलाफ  गुरुवार को सवर्णों के भारत बंद का असर देखने को मिल रहा है। बंद के दौरान हिंसा की भी ख़बरें हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक हिंसा का ज्यादा असर मध्य प्रदेश और बिहार में है। मध्य प्रदश के ग्वालियर, भिंड, मुरैना सहित दस जिलों में धारा-144 लागू की गयी है। बिहार के आरा में बंद समर्थकों ने बाजारों को बंद कराने के साथ ही ट्रेनें भी रोकी हैं। आरा के अलावा दरभंगा और पटना में बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है।
सवर्ण समाज का कहना है कि वो किसी खास समुदाय के खिलाफ नहीं है। लेकिन केंद्र सरकार को सवर्ण समाज की भावना का भी सम्मान करना चाहिए। एमपी सरकार ने राज्य के कई हिस्सों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यहां 10 जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है और एहतियातन हालातों को काबू में रखने के लिए 10 बजे से 4 बजे तक पेट्रोल पंपों को बंद रखा गया है।
मध्य प्रदेश के कुछ शहरों में शिक्षण संस्थान और इंटरनेट सेवा बंद है। एससी-एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के बदलाव करने के बाद 2 अप्रैल को आरक्षण पाने वाले समाज ने आंदोलन किया था। इस दौरान ग्वालियर, चंबल-संभाग में सबसे ज्यादा हिंसा देखने को मिली थी। चार लोगों की मौत हुई थी और इस बार सरकार ऐसी घटनाओं को लेकर सतर्क है।
उधर राजस्थान में क़ानून में संशोधन लाए जाने के खिलाफ अगड़ी जातियों ने सड़क पर उतरने का ऐलान किया है। गुरुवार सुबह भारत बंद का असर यहां भी दिखना शुरू हुआ और जयपुर के स्कूल, कॉलेज और मॉल सब बंद नज़र आए। इसी तरह महाराष्ट्र : महाराष्ट्र के ठाणे में भी सवर्ण समुदाय के लोग एक्ट मन संसोधन का विरोध करने सड़क पर उतरे हैं।