सरकार बनते ही राफेल डील की जांच : कांग्रेस

घोषणा पत्र में किया इस मुद्दे को शामिल

राफेल डील को लेकर कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में ऐलान किया है कि जिस दिन कांग्रेस की सरकार बनेगी उसी दिन राफेल घोटाले की जांच के आदेश जारी कर दिए जायेंगे। राफेल लड़ाकू विमानों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जबरदस्त हमला सीधे पीएम मोदी पर करते रहे हैं।
अब कांग्रेस ने राफेल को अपने चुनाव में शामिल कर लिया है और कहा है कि सरकार बनते ही पहले ही दिन राफेल में घोटाले की जांच जारी कर दिए जायेंगे। कांग्रेस लगातार प्रधानमंत्री मोदी और सरकार पर आरोप लगाती रही है और निष्पक्ष जांच की मांग करती रही है।
राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जा चुका है। अब राफेल को लेकर कांग्रेस ने नया एलान किया है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार बनते ही हम राफेल डील की जांच कराएंगे। कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र कमेटी के सदस्य बालचंद्र मुंगेकर ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो पहले ही दिन राफेल डील की जांच शुरू करा दी जाएगी। हमने इसे अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किया है।
कांग्रेस के २४ अकबर रोड पर स्थित पार्टी मुख्यालय में घोषणा पत्र के लिए बड़ा आयोजन किया गया जिसमें राहुल  घोषणा पात्र जारी किया। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पी चिदंबरम, एके एंटनी जैसे तमाम बड़े नेता इस मौके पर मौजूद रहे। कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव २०१९ के लिए अपने घोषणा पत्र को ”जन आवाज” का नाम दिया है।
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा कि वह ६ महीने में सारी सरकारी जॉब वैकेंसी भर देंगे और एसआईटी से राफेल डील की जांच कराएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा – ”हमारा मेनिफेस्टो वेल्थ एंड वेलफेयर का मर्जर है। कांग्रेस पार्टी १४ करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर लाई है। कांग्रेस मेनिफेस्टो को हम निभाएंगे टाइटल दिया गया है। घोषणा पत्र में इंपोर्ट पर जीएसटी नहीं लगने की बात कही गई है।”
घोषणा पात्र की मुख्या बातें – हर साल २० फीसदी गरीबों को न्याय योजना के तहत ७२ हजार रुपये सालाना मिलेंगे, मार्च २०२० तक २२ लाख खाली पड़े पदों को भरा जाएगा, लोकसभा में नया कानून लाकर, हिंसक भीड़ पर रोक लगाएंगे, ३४ लाख सरकारी पद भरे जाएंगे, युवाओं को पक्का रोजगार मिलेगा, मनरेगा में १०० दिन से बढ़ाकर १५० दिन रोजगार गारंटी दी जाएगी, तीन साल तक नए स्टार्टअप्स को लाइसेंस की जरुरत नहीं, ग्राम पंचायत में १० लाख नौकरियां दी जाएंगी, जीडीपी का ६ फीसदी शिक्षा के लिए खर्च होगा, सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल को वापस लेंगे,
किसान कर्ज न चुका पाएं तो आपराधिक मामला नहीं दर्ज किया जाएगा, किसानों के लिए अलग बजट पेश किया जाएगा, घोषणा पत्र में सरकारी अस्पताल को मजबूत करने की बात शामिल हैं।