सरकार-किसानों में फिर नहीं बनी बात; क़ानून एक साल स्थगित करने की बात कबूल नहीं, कल चर्चा करेंगे, 22 को फिर बैठक  

किसान संगठन और सरकार के बीच 10वें दौर की बातचीत खत्म हो गई है। बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि 22 को फिर बैठक होगी। उन्होंने कहा कि बैठक में सरकार ने कानूनों को एक-डेढ़ साल स्थगित रखने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि, किसान युनियन नेता राकेश टिकैत ने तहलका से बातचीत में कहा – ‘यह सरकार का पक्ष है। हमारी मांग तीनों कानूनों को खत्म करने और एमएसपी को क़ानून बनाने की है। कल हम बैठकर बात करेंगे और जो बहुमत का फैसला होगा आपको बताएंगे।’

आज की बैठक करीब 6 घंटे चली। इसमें सरकार ने कृषि कानूनों को एक-डेढ़ साल स्थगित रखने और एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया। सरकार ने कहा कमेटी जो सिफारिश दे उसपर बात की जा सकती है। हालांकि, किसान नेताओं ने अपनी मांगों पर दृढ़ रहने का फैसला किया। वैसे वे 22 को एक और बैठक के लिए तैयार हो गए हैं। बातचीत में 40 किसान नेता शामिल हुए।

तहलका से बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा – ‘एमएसपी पर क़ानून बने…तीनों क़ानून रद्द हों, यही हमारी मांगें हैं। किसानों को अब अपडेट करेंगे। राजी नहीं होंगे तो कुछ नहीं होगा। जो मंत्री जी ने बताया वह सरकार का प्रस्ताव है। कल चर्चा करेंगे। जो बहुमत का फैसला होगा कल आपको बताएंगे। हमारी 26 की ट्रैक्टर परेड कार्यक्रम के मुताबिक होगी।’

बैठक में 10वें दौर की बातचीत के दौरान सरकार ने नए कृषि कानूनों के निलंबन का एक साल का प्रस्ताव रखा था, लेकिन किसान नेताओं ने इसे नामंजूर कर दिया। दरअसल सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया कि एक निश्चित समय के लिए कानून पर रोक लगा दी जाए और एक कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें सरकार और किसान दोनों हो, लेकिन किसान संगठन इस प्रस्ताव पर नहीं राजी हुए। साथ ही सरकार की ओर से ये भी अपील की गई कि इस प्रस्ताव के साथ-साथ आपको आंदोलन भी खत्म करना होगा।