सरकार किसानों ,मजदूरों और बेरोजगारों के हितों को नजरअंदाज कर रही है

कई बार राजनीति इस कदर स्वार्थ में सन जाती है कि वो अपना और देश का हित तक नहीं देखती है। जिसके कारण जनमानस, किसान और मजदूर हाहाकार करने लगता है, कोरोना के कारण उपजे संकट से लोग काफी परेशान है। बताते चलें इस समय दिल्ली में किसान आंदोलन के कारण सियासत गरमायी हुई है। किसानों का कहना है कि केन्द्र सरकार अपने राजनातिक स्वार्थ के कारण किसानों की मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। किसानों के हितो को दरकिनार किया जा रहा है। किसान नेता बलबीर सिंह का कहना है कि आज अन्नदाता किसान लाठी खाने को मजबूर है। किसान रो रहा है। अपनी बात नहीं रख पा रहा है। उनका कहना है चुनावी रैलियों में कोई कोरोना नहीं होता है अगर कोई अपनी जायज मांगों को लेकर अपनी बात ऱखता है तो कोरोना की दलील दी जाती है।

इस समय मौजूदा दौर में जो एक माहौल बना हुआ है कोरोना को लेकर उससे किसी को कोई फायदा नहीं हो रहा है। राजनीति जरूर हो रही है। ऐसा नहीं कि किसान ही सरकार की नीतियों को लेकर विरोध कर रहा है। देश का मजदूर और बेरोजगार भी सरकार की नीतियों का विरोध कर रहा है। मजदूर रघु और बेरोजगार सुमित का कहना है कि सरकार अपनी स्वार्थ नीतियों के काऱण लोगों को कोरोना का हवाला देकर लोगों के हितों को नजरअंदाज कर रही है।