समर्थकों के उत्साह के बीच वायनाड में राहुल का नामांकन 

रोड शो में दिखी जबरदस्त भीड़ 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरूवार को केरल की वायनाड सीट से कांग्रेस/यूडीएफ के प्रत्याशी के नाते नामांकन भर दिया। राहुल इस बार यूपी की अमेठी सीट के अलावा वायनाड से भी चुनाव लड़ रहे हैं। राहुल के साथ कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी भी रहीं। नामांकन के बाद राहुल ने रोड शो किया, जिसमें जबरदस्त भीड़ दिखी।
यह माना जा रहा है कि कांग्रेस ने राहुल के लिए वायनाड सीट को एक चतुर रणनीति के तहत चुना है। राहुल की दक्षिण भारत में चुनावी उम्मीदवार के रूप में उपस्थिति को वो पूरी दक्षिण में भुनाना चाहती है। भले भाजपा इसे अमेठी से ”भागने” की संज्ञा दे रही हो, राजनीतिक जानकारों के मुताबिक अमेठी में राहुल के लिए ख़ास मुश्किल नहीं दिखती क्योंकि २०१४ की मोदी की प्रचंड लहार में भी वे एक लाख से ज्यादा वोटों से जीते थे।
 वायनाड में उनके नामांकन के बाद गुरूवार को बाहर और सड़कों पर जैसी भीड़ दिखी  और लोग जिस तरह उनके समर्थन में बोल रहे थे, उससे संकेत मिलते हैं कि इस चुनाव में वहां वामपंथी और भाजपा/एनडीए उम्मीदवारों को तगड़ी मेहनत करनी होगी। केरल में कुल २० सीटें हैं और हमेशा ही वहां कांग्रेस और वामपंथियों में मुकाबला होता रहा है।
वायनाड की सीट वैसे पिछले दो चुनाव से कांग्रेस ने जीती है, हालांकि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस हलके में आने से लोगों को विकास की नई उम्मीद जगी है जिससे राहुल का रास्ता और आसान दीखता है। राहुल के रोड शो में भी लोगों में जबरदस्त जोश दिख  यह यदि वोट में तब्दील होता है तो उनके दोनों विरोधियों के लिए काफी कठिनाई रहेगी।
रोड शो से पहले कांग्रेस अध्यक्ष ने नामांकन दाखिल किया। गांधी ने साढ़े ११ बजे वायनाड जिला कलेक्ट्रेट दफ्तर पहुंचकर अपना नामांकन दाखिल किया। इसके बाद राहुल और प्रियंका गांधी रोड शो में शामिल हुए जिसमें काफी भीड़ दिखी।
उधर राहुल के वायनाड से नामांकन पत्र भरने पर भाकपा नाराज है। पार्टी के एक नेता ने कहा – ”हम यह चुनाव जीतने के लिए लड़ेंगे।” भाजपा का केरल में ज्यादा बजूद नहीं रहा है। वैसे भाजपा ने हिन्दू-मुस्लिम की बात कहकर धृवीकरण की कोशिश की है लेकिन स्थानीय राजनीति राजनीति को समझने वालों का कहना है  कि राहुल के वायनाड आने से सब-कुछ बदल गया है और इस समय वहां सिर्फ राहुल की चर्चा है। उनका तो यहाँ तक कहना है कि कांग्रेस की यह रणनीति बहुत सोची समझी है और इसका पूरी केरल ही नहीं पूरे दक्षिण भारत पर पड़ने वाला है।