सफल रही कांग्रेस में ‘नाराज’ नेताओं को मनाने की कवायद, सोनिया के साथ कई घंटे चली पार्टी की बैठक

आखिर कांग्रेस में ‘नाराज’ नेताओं को मनाने की पहली ही कोशिश सफल रही है। हाल में पार्टी अध्यक्ष को चिट्ठी लिखने वाले 23 नेताओं के तेवर ठंडे पड़े हैं और शनिवार को कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ हुई उनकी बैठक में उन्होंने पूरी ताकत से पार्टी को आगे ले जाने का प्रण किया। बैठक में  राहुल गांधी भी शामिल थे और उन्होंने संकेत दिए हैं कि वे दोबारा अध्यक्ष का जिम्मा संभाल सकते हैं। पार्टी आने वाले समय में पंचमढ़ी जैसा बड़ा अधिवेशन करने की तैयारी में भी दिख रही है।

दिग्गज नेता अहमद पटेल के देहांत के बाद पार्टी की यह पहली बड़ी बैठक थी। जानकारी के मुताबिक बैठक में राहुल गांधी को फिर अध्यक्ष बनाने की मांग उठी। किसी भी नेता ने इसका विरोध नहीं किया। यहां तक कि 23 नाराज नेताओं में जो बैठक में उपस्थित थे, उन्होंने भी इस मांग का समर्थन किया। इन नेताओं में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और पी. चिदंबरम जैसे पार्टी दिग्गज शामिल हैं। बैठक में सोनिया गांधी ने कांग्रेस को ‘बड़ा परिवार’ बताया।

यह बैठक सोनिया गांधी के आवास दस जनपथ पर हुई। ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक बैठक में जब एक सुर से राहुल गांधी को दोबारा पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग उठी तो सभी नेता राहुल की तरफ देखने लगे बैठक में उपस्थित थे। इस मौके पर आज़ाद, चिदंबरम और आनंद शर्मा जैसे दिग्गजों ने भी इस मांग का समर्थन किया। बाद में राहुल ने कहा कि पार्टी जो जिम्मेवारी उन्हें देगी, उसे वे निभाहेंगे।  बैठक में तालियों की गड़गड़ाहट गूँज उठी। गांधी ने ही संकेत दिए कि यदि उन्हें अध्यक्ष का जिम्मा देने की बात होगी तो वे विचार करेंगे।

पिछले लंबे समय में यह पहली बार है जब कांग्रेस के बड़े स्तर पर संगठन को मजबूत करने और ‘नाराज’ नेताओं को खुलकर सुनने की कवायद। खुद सोनिया गांधी ने इस बैठक की पहल की और इसके आयोजन में वरिष्ठ नेता कमलनाथ में बड़ी भूमिका अदा की। इस बैठक को इस लिहाज से भी सफल कहा जाएगा कि इसमें आज़ाद जैसे दिग्गज शामिल हुए, जिन्हें हमेशा से कांग्रेस और गांधी परिवार का वफादार माना जाता है।

बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, पी. चिदंबरम, अशोक गहलोत, अंबिका सोनी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे बड़े नेता शामिल हुए। बैठक के बाद ‘नाराज’ नेताओं का कोई ब्यान नहीं आया है, हालांकि, बैठक में उन्होंने संगठन को मजबूत करने की सोनिया गांधी की अपील पर खुले रूप से सहमति जताई।

बैठक के बाद हाल में अस्थाई खजांची बनाये गए पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ने कहा – ‘सोनिया गांधी ने बैठक में कांग्रेस को एक बड़ा परिवार बताया। साथ ही कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम करने की बात कही। पार्टी में किसी तरह का कोई मतभेद नहीं है। सभी पार्टी में ऊर्जा भरने के लिए एकजुट होकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बैठक – ‘ पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए, इसे लेकर यह बैठक थी। शिमला और पंचमढ़ी की तर्ज पर  पार्टी अधिवेशन करेगी। हमने पार्टी के भविष्य को लेकर चर्चा की। यह एक रचनात्मक बैठक थी।’ इस तरह आज की बैठक एक हद तक सफल मानी जाएगी। अभी तक नाराज दिख रहे नेता बैठक के आयोजन से खुश दिखे और उन्होंने अपनी बात भी कही। संभावना है कि पार्टी में आने वाले समय में बड़ा फेरबदल हो सकता है।