सऊदी अरब-भारत में पांच समझौते

कांग्रेस ने प्रिंस के स्वागत में मोदी की 'गर्मजोशी' पर उठाये सवाल

भारत और सऊदी अरब के बीच बुधवार को पांच समझौते हुए। यह समझौते

सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद की दो दिन की भारत यात्रा के दौरान हुए हैं। भारत यात्रा पर पहुंचे युवराज की आगवानी   प्रोटोकॉल के हटकर पीएम नरेन्द्र मोदी ने हवाई अड्डे पर जाकर की और उनके गले भी मिले। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही प्रिंस सलमान पाकिस्तान के दौरे पर गए थे जहाँ उन्होंने पाक की प्रशंसा के साथ-साथ उसे २० अरब डॉलर की मदद का भी  ऐलान किया था।

सऊदी अरब के युवराज का राष्ट्रपति भवन में परम्परागत ढंग से स्वागत किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस यात्रा के दौरान पाकिस्तान स्पॉन्सर्ड आतंकवाद का मसला एक प्रमुख मुद्दा रहा। साझा प्रेस कांफ्रेंस में आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई की बात दोनों देशों के प्रमुखों ने कही।  भारत और सऊदी अरब के साझा बयान में बताया गया है कि दोनों देशों में पांच समझौते किये गए।

पीएम मोदी ने कहा भारत में उनके पहले दौरे पर युवराज और उनके प्रतिनिधि मंडल का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। मोदी ने कहा – ”हमारे सदियों पुराने रिश्ते रहे हैं। हमारे रिश्तें हमेशा अच्छे रहे हैं। साल २०१६ में मेरी यात्रा के दौरान ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्र में कई बड़े कदम उठाए गए थे। यह हमारे विस्तृत पड़ोस में है, एक करीबी दोस्त है और भारत की ऊर्जा सुरक्षा का महत्वपूर्ण स्रोत भी है।”

पीएम ने कहा कि आज हमने द्विपक्षीय संबंधों के सभी विषयों पर व्यापक और सार्थक चर्चा की है। ”हमने अपने आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का निश्चय किया है। हम अक्षय ऊर्जा के क्षेत्रों में अपने सहयोग को मज़बूत करने पर सहमत हुए हैं और इंटरनेशनल सोलर अलायंस में सऊदी अरब का स्वागत करते हैं।”

उधर  सऊदी युवराज ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हम भारत के साथ खुफिया जानकारी बांटने समेत हर कदम पर सहयोग करेंगे।

गौरतलब है कि दक्षिण एशिया के दौरे पर निकले प्रिंस को पहले इस्लामाबाद से सीधे नई दिल्ली आना था लेकिन पुलवामा हमले के मद्देनजर भारत ने उनके सीधे आने को लेकर आपत्ति जताई जताई थी जिसके चलते वे इस्लामाबाद से सोमवार को सऊदी अरब लौट गए थे।

इस बीच लेकिन जिस गर्मजोशी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली में उनका स्‍वागत किया, उस पर विपक्षी दल कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा – ”प्रधानमंत्री के रवैये से देश, शहीदों और हर सैनिक के लिए उनकी सोच सामने आती है।” पार्टी के वरिष्‍ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने इसे राष्‍ट्रीय हितों से ऊपर मोदी जी की हगडिप्‍लोमैसी करार दिया। उन्‍होंने अपने ट्वीट में लिखा – ”उन लोगों का प्रोटोकॉल तोड़ जोरदार स्‍वागत किया गया, जिन्‍होंने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्‍तान के तथाकथित प्रयासों की सराहना की और उसे २० अरब डॉलर देने का वादा किया।

कांग्रेस नेता प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इसे लेकर सवाल उठाए। उन्‍होंने बीते साल भारत दौरे पर आए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का भी जिक्र किया और कहा कि खालिस्‍तान मुद्दे को उनके समर्थन के कारण पीएम मोदी ने जब उनके दौरे को बहुत तवज्‍जो नहीं दी तो सभी ने उनका साथ दिया। उन्‍होंने सवालिया लहजे में लिखा कि पुलवामा हमले के बाद भी पाकिस्‍तान की प्रशंसा करने वाले और उसके लिए २० अरब डॉलर का ऐलान करने वाले सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के लिए पीएम ने जिस तरह प्रोटोकॉल तोड़ दिया, क्‍या वह ठीक है?