संसद में मोदी सरकार किसानों की आय पर जारी करे श्वेत पत्र – कांग्रेस

कांग्रेस ने किसानों की आय पर मोदी सरकार से श्वेत पत्र की मांग की है। भारतीय किसान कांग्रेस अध्यक्ष एस सुखपाल सिंह खैरा ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि, “पीएम मोदी सरकार ने फरवरी 2016 में किसानों की आमदनी को दोगुना करने की बात कही थी, किंतु इस वर्ष किसानों की आमदनी में कमी हुई हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि, मोदी सरकार ने देश में किसानों, गरीब आदमी, फार्म लेबरर्स की आय को 6 सालों में डबल करने की बात कही थी और एक कमेटी का भी गठन किया था- ‘डब्लिंग ऑफ फार्मर्स इनकम कमेटी’। और अब 2016 से लेकर 2022 तक पूरे 6 साल का समय बीत गया है किंतु किसानों की आय बढ़ने की बजाय घटी है।

खैरा ने कहा कि, यूपीए की सरकार में ट्रेंड सेट किया था डॉ मनमोहन सिहं जी की सरकार ने, उसको इन्होंने तोड़ा और फार्मर्स की इनकम को रिड्यूस किया है और ये उसको इन्होंने तोड़ा और फार्मर की इनकम को रिड्यूस किया है और ये मेरे कहने से नहीं फर्क पड़ेगा, ये फिगर्स बताते हैं कि पिछले 6-7 साल में जो एग्रीकल्चर सेक्टर है, उसके क्या हालात हुए और किसानों का और खेत मजदूरों का कर्जा बढ़ते-बढ़ते इतना बढ़ गया है कि एनसीआरबी की जो अपनी फ़िगर हैं, गवर्मेंट ऑफ इंडिया की, उसके मुताबिक 4 लाख किसानों ने देशभर में आत्महत्या की है।“

किसान कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, वर्ष 2004 में जब डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी तब गेहूं का एमएसपी 640 रुपये प्रति क्विंटल था जो कि 2011-12 में बढ़कर 1,285 रुपये प्रति क्विंटल हो गया और बाद में वह 1,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। इसी प्रकार वर्ष 2004 में धान का एमएसपी 560 रुपये प्रति क्विंटल था जो कि 2013-14 में 1,310 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। किंतु भाजपा सरकार के कार्यकाल में अब तक धान और गेहूं के एमएसपी में केवल 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि नहीं हुई है। और आजादी के बाद यह पहली सरकार है जिसने कीटनाशकों, उर्वरकों और कृषि उपकरणों पर जीएसटी लगाया है।

किसान कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा कि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बावजूद डीजल की कीमतें करीब 61 फीसदी तक बढ़ गई है। और किसानों को डीजल जैसे इनपुट लागत में वृद्धि के मामले में दोहरी मार का सामना करना पड़ा है। मई 2014 में डीजल की कीमते 55.48 रुपये प्रति लीटर थी। और बात करे वर्ष 2022 की तो यह दिसंबर में 89.62 रुपये प्रति लीटर हैं। जो की अभी तक 61 फीसदी बढ़ी है।

किसान नेता ने कांग्रेस की तरफ से मांग करते हुए कहा कि किसानों की आय को आने वाले समय में डबल करने वाली अपनी बात पर आप पार्लियामेंट में एक व्हाइट पेपर जारी करें और सारे देश को बताएं कि आपने किसानों की आय को बढ़ाने के लिए क्या प्रयास किए हैं और कितनी कीमतें हैं, 2004 से 2022 तक एक पूरा व्हाइट पेपर जारी करें।