श्रीलंका में इमरजेंसी का ऐलान, विक्रमसिंघे बने कार्यकारी राष्ट्रपति

श्रीलंका में प्रधानमंत्री कार्यालय ने देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की है। और इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पीएम कार्यालय को घेर लिया है। हालांकि पुलिस प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दाग रही है किंतु प्रदर्शनकारी बेकाबू नजर आ रहे है। और पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

श्रीलंका के आर्थिक संकट के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे आधी रात को ही देश छोड़कर भाग निकले। श्रीलंका में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच राजपक्षे वायुसेना के विशेष विमान से अपनी पत्नी व दो अंगरक्षकों के साथ मालदीव की राजधानी माला पहुंच गये है।

बता दे 13 जुलाई (यानी आज) को गोटबाया को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना था किंतु गिरफ्तारी की बढ़ती आशंका को देखते हुए वे इस्तीफा देने से पहले ही देश छोड़ कर भाग निकले। इसके बाद से ही देश के गुस्साए लोग विरोध प्रदर्शन कर गोटाबाया के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है और गोटबाया के साथ रानिल विक्रमसिंघे के इस्तीफे की भी मांग कर रहे है।

श्रीलंका में महंगाई और चीजों की किल्लत से जनता त्रस्त हो गई थी और मामला इस हद तक बिगड़ गया कि जनता ने पीएम आवास को जला दिया था। और अब राजपक्षे के देश छोड़ने की खबरों से प्रदर्शनकारी फिर से भड़क उठे है।

वैसे राष्ट्रपति बीते शुक्रवार से ही गायब थे और इस बीच 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति नियुक्ति की तैयारी है। साथ ही सूत्रों के हवाले से यह खबर है कि गोटबाया तभी इस्तीफा देंगे जब वे मालदीव से साउथ एशिया के किसी देश में जांएगे।

दरअसल, श्रीलंका से राजपक्षे के भाई बासिल ने देश छोड़ने की कोशिश की थी किंतु वह नाकाम रहे थे लेकिन गोटबाया राजपक्षे वहां से निकल गये है।

आपको बता दे, राजपक्षे को एयर फोर्स के प्लेन से मालदीव पहुंचाया गया है और इस बात पर सफाई देते हुए श्रीलंका एयरफोर्स ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय की तरफ से उन्हें प्लेन देने का आदेश मिला था जिसे उनको मानना पड़ा। साथ ही इमीग्रेशन विभाग ने अपनी सफाई मे कहा है कि ऐसा कोई भी कानून नहीं है जिसमें वे मौजूदा राष्ट्रपति को देश छोड़ने से रोक सके।

आगे की प्रक्रिया, श्रीलंका के कानून के मुताबिक यदि कोई राष्ट्रपति अपना कार्यकाल पूरा होने से पूर्व अपनी कुर्सी छोड़ता है तो इस अवस्था में एक महीने के भीतर संसद के किसी सदस्य को उस पद पर बैठाया जाता है।

राष्ट्रपति के रिजाइन देने के बाद तीन दिनों के अंदर संसद सत्र बुलाना होता है फिर इसके बाद एक दिन तय किया जाता है जब राष्ट्रपति पद के नॉमिनेशन के लिए, और यदि एक से ज्यादा लोग राष्ट्रपति बनने के इच्छुक है तो यह वोटिंग सीक्रेट बैलेट से वोटिंग कराई जाती है।

साथ ही जब तक नए राष्ट्रपति का चुनाव नहीं होता तब तक एक्टिंग प्रेसिडेंट सारे कामकाज को देखते है। यह एक्टिंग प्रेसिडेंट हमेशा प्रधानमंत्री को बनाया जाता है।