शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार, २८ नए मंत्री, सिंधिया का दबदबा

काफी खींचतान और अपने=अपने लोगों को मंत्री पद देने के दबाव के बीच आखिर मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का विस्तार गुरूवार को कर दिया गया। इसमें २८ नए मंत्रियों को जगह दी गयी है, जिनमे से अकेले कांग्रेस से भाजपा में दलबदल करके आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक ९ विधायकों को मंत्री बनाया गया है। नए मंत्रियों में २० केबिनेट मंत्री और आठ राज्यमंत्री बनाये गए हैं। कार्यवाहक राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। सीएम शिवराज सिंह के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहे।

मध्यप्रदेश में मंत्रिमडंल विस्तार में सिंधिया समर्थकों का दबदबा दिख रहा है। माना जा रहा है कि भाजपा के भीतर बहुत से लोग इस बात से सख्त नाराज हैं कि सिंधिया को इतनी तरजीह दी गई है। इसमें कोइ संदेह नहीं कि सिंधिया अपने लोगों को मंत्री बनाने का दबाव डालने में सफल रहे और भाजपा आलाकमान को भी उनके आगे झुकना पड़ा। विस्तार को देखने से साफ़ लगता है कि शिवराज सिंह की भी आलाकमान के आगे ज्यादा नहीं चली है।

प्रद्युम्न सिंह तोमर, जो सिंधिया के बेहद करीबी माने जाते हैं को भी मंत्री बनाया गया है। तोमर कमलनाथ सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक हैं। जिन लोगों को मंत्री बनाया गया है उनमें भाजपा के १६, इनमें ७ पुराने और ९ नए चेहरे शामिल हैं। यह मंत्री बनाए गये हैं। गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, विजय शाह, जगदीश देवड़ा, बृजेंद्र प्रताप सिंह, विश्वास सारंग,  प्रेम सिंह पटेल, इंदर सिंह परमार, उषा ठाकुर, ओम प्रकाश सकलेचा, भारत सिंह कुशवाह, रामकिशोर कांवरे, मोहन यादव, अरविंद भदौरिया, राम खिलावन पटेल जबकि सिंधिया खेमे से महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर,  इमरती देवी, राज्यवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, गिर्राज दंडोतिया, सुरेश धाकड़,  बृजेंद्र सिंह यादव और कांग्रेस से भाजपा में आए हरदीप सिंह डंग,  बिसाहूलाल सिंह और एंदल सिंह कंसाना शामिल हैं।

इससे पहले राजभवन में राष्ट्रगान के साथ शपथ ग्रहण की औपचारिक शुरुआत हुई। कार्यवाहक राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। सीएम शिवराज सिंह के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहे।

कुल २८ मंत्री शिवराज मंत्रिमंडल में लिए गए हैं जिनमें २० केबिनेट और आठ राज्यमंत्री हैं। अब केबिनेट में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों का दबदबा दिख रहा है जिससे कई भाजपा नेताओं में बेचैनी है।