शाह का गोरखा दांव : बंगाल में भाजपा की सरकार बनी तो गोरखा समस्या का समाधान होगा

कोराना संक्रमण में बढ़ोतरी के साथ ही पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार का पारा भी चरम पर है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बंगाल में भाजपा के सत्ता में आने पर ‘गोरखा समस्या’ का राजनीतिक समाधान ढूंढने का मंगलवार को लोगों को भरोसा दिया है। अमित शाह ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि देश का संविधान विस्तृत है और इसमें सभी समस्याओं के हल का प्रावधान है।
शाह ने कहा कि मैं वादा करता हूं कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार, एक केंद्र में और दूसरी बंगाल में, गोरखा समस्या का स्थायी राजनीतिक समाधान निकाल लेगी। अगर ऐसा हुआ तो आप लोगों को प्रदर्शनों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा।’ हालांकि, उन्होंने पूरी तरह से स्पष्ट नहीं किया कि वह किस समस्या की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन (एनआरसी) लागू करने की कोई योजना नहीं है। अगर ऐसा होता भी है तो गोरखा समुदाय को इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है

शाह ने कहा कि यह वह स्थान है जहां सत्तारूढ़ टीएमसी के नेता फुर्सत में आते हैं। । उन्होंने ममता सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दार्जिलिंग में विकास कार्य पर पूर्ण विराम लगा दिया है। शीर्ष भाजपा नेता ने दावा किया कि टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने ‘कुछ’ गोरखाओं के खिलाफ आपराधिक मामला चलवाकर भाजपा और गोरखा समुदाय के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को खराब करने की कोशिश की। शाह ने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘दीदी ने कई की हत्या करवाई और कई के खिलाफ मामले चलवाए। भाजपा सत्ता में आने के बाद, ऐसे लोगों के अपराध क्षमा करेगी।

भाजपा के पूर्व सहयोगी, जीजेएम नेता बिमल गुरुंग 2017 में हिंसक आंदोलन का कथित तौर पर नेतृत्व करने के बाद उनके खिलाफ लगाए गए कई आपराधिक आरोपों के बाद बहुत दिन तक छिपे रहे थे। पिछले साल अक्तूबर में सामने आने के बाद उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया था। राज्य प्रशासन ने इनमें से कुछ मामलों को वापस लेने के लिए अब अदालत का रुख किया है। राज्य में आठ चरणों में हो रहे चुनाव में अगले चरण का मतदान 17 अप्रैल को होगा।